देश में UPI जैसी हेल्‍थ आईडी लॉन्‍च, लिंक कर सकेंगे अपने मेडिकल रिकॉर्ड

नई दिल्‍ली. देश में लोगों को बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं  मुहैया कराने के मकसद से सरकार लगातार नई योजनाएं ला रही है. इसी के तहत सोमवार को आयुष्‍मान भारत-डिजिटल मिशन की शुरुआत की है. इसके साथ ही सरकार ने लोगों के लिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) से मिलती जुलती एक हेल्‍थ आईडी (Health ID) सेवा की भी शुरुआत कर दी है. इसके तहत लोग अब अपने मेडिकल रिकॉर्ड (Medical Record) इससे डिजिटली रिकॉर्ड कर सकेंगे और जरूरत पड़ने पर डॉक्‍टर या अन्‍य मेडिकल प्रोफेशनल्‍स को दिखा सकेंगे.

मंगलवार को एक वरिष्‍ठ सरकारी अफसर ने कहा कि सरकार कानून, कृषि और रसद सहित कई क्षेत्रों के साथ ही एक हेल्‍थ आईडी प्रणाली विकसित करने के लिए कमर कस रही है. इससे लोगों को इस सिस्‍टम के तहत जानकारी साझा करने में मदद मिलेगी.

सोमवार को आयुष्‍मान भारत डिजिटल मिशन की शुरुआत के दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि इस मिशन के तहत देशवासियों को अब एक डिजिटल हेल्थ आईडी मिलेगी. हर नागरिक का स्वास्थ्य संबंधी रिकॉर्ड डिजिटल रूप से सुरक्षित रहेगा. आईटी सचिव अजय प्रकाश साहनी ने एनपीसीआई-आईएएमएआई द्वारा आयोजित ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में कहा है कि सरकार एक स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण पर जोर डालने जा रही है. यूपीआई वित्तीय क्षेत्र में स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र की दिशा में ऐसे ही एक प्रयास का प्रतिनिधित्व करता है.

उन्होंने कहा कि हेल्थ आईडी लोगों को हेल्‍थ इंडस्‍ट्री के पारिस्थितिकी तंत्र में सेवाओं के पूरे दायरे तक पहुंचने में मदद करेगी, क्योंकि यह एक ऐसे प्लेटफॉर्म से जुड़ा है जो डॉक्टरों, मेडिकल प्रोफेशनल्‍स और सरकार को जोड़ता है. इसी तरह की प्रणाली शिक्षा क्षेत्र में आ रही है और दीक्षा के साथ शुरू हुई है. ऐसा ही कुछ कृषि में हो रहा है. लॉजिस्टिक्स में भी ऐसी ही चीजें होने की संभावना है.

साहनी ने कहा कि कुछ ऐसा ही हो रहा है कोर्ट सिस्‍टम, जस्टिस सिस्‍टम और पुलिस को साथ जोड़ने के लिए, ताकि एक आपराधिक न्याय प्रणाली हो सके. उन्होंने कहा कि युवा उद्यमियों को एकीकृत के लाभों का फायदा उठाने पर ध्यान देना चाहिए. साहनी ने कहा, ‘कोई भी संस्था जो भारत में गरीब लोगों के लिए एक मूल्य बिंदु पर कोई भी सेवा प्रदान करती है, वास्तव में वो न केवल प्रतिस्पर्धी बल्कि एक विश्व स्तर पर प्रभावी मंच है.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर असहमति को दबाने के लिए कॉरपोरेट्स द्वारा कॉपीराइट कानून का दुरुपयोग करने पर एक सवाल के जवाब में साहनी ने कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि सभी कंपनियां और निगम देश के कानून का सम्मान करेंगे, खासकर जब वे भारतीय क्षेत्र में काम कर रहे हों.

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