हिसार के राहुल और अमन का डंका, IAS और IPS के लिए हुआ चयन
हिसार. संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा का शुक्रवार को परिणाम आया, जिसमें हिसार के दो युवाओं चयन हुआ है. हरियाणा के हिसार के घिराय गांव निवासी राहुल देव बूरा ने यूपीएससी की परीक्षा में 76वां रैंक हासिल किया है. राहुल वर्तमान में सेक्टर 14 में रह रहे हैं. उनके पिता कर्मवीर शास्त्री रिटायर्ड हेड मास्टर हैं. उन्होंने आईआईटी से पढ़ाई की है और कुछ समय तक फ्रांस में नौकरी भी की, तभी उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा के जरिए सेवा करने की ठान ली और पहली बार परीक्षा दी मगर सफल नहीं हो सके. हार नहीं मानी और दूसरी बार परीक्षा पूरी तैयारी के साथ दी, जिसका परिणाम सामने है.
सेक्टर 13 निवासी दिल्ली में इंडियन ट्रेंड सर्विस में असिस्टेंट डायरेक्टर अाफ जनरल के पद पर तैनात अमन लोहान की 324वीं रैंक आई है. खास बात है कि दोनों ही छात्रों ने कड़ी मेहनत, लगन और मजबूत रणनीति के बल पर यूपीएससी की परीक्षा को पास किया है. उन्होंने किसी प्रकार की कोचिंग नहीं ली और न ही परीक्षा का दाबाव अपने ऊपर लिया. राहुल बताते हैं कि पिछली बार भी वह यूपीएससी परीक्षा के लिए बैठे थे, मगर सफलता हाथ नहीं लगी. मगर इस बार पूरा मन बना लिया था कि किसी भी प्रकार से इस बार परीक्षा पास करनी ही है. उनके चयन पर घिराय गांव में खुशियों की लहर दौड़ गई. परिजनों ने भी एक दूसरे को मिठाई खिलाकर शुभकामनाएं दी.
सेक्टर 13 निवासी वरिष्ठ नेता उमेद सिंह लोहान के पुत्र अमन शुरू से ही सिविल सेवा में जाकर लोगों की मदद करना चाहते थे. उन्होंने अपने साक्षात्कार में भी यही बताया. इससे पहले, उन्होंने 2016 में यूपीएससी की परीक्षा पास की थी, तब उनकी 568वीं रैंक आई थी, जिसके बाद उन्हें इंडियन ट्रेंड सर्विस में असिस्टेंट डायरेक्टर अाफ जनरल के पद पर तैनाती मिली. तब से वह लगातार अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए लगे हुए हैं. उनके भाई युद्धवीर सिंह लोहान सेना में कैप्टन हैं. अपनी सफलता का श्रेय वह पिता उमेद सिंह, मां विद्या देवी व अन्य परिजनों को देते हैं. अमन की इस समय तैनाती दिल्ली में हैं.
मेहनत: राहुल बताते हैं कि सिविल सर्विस परीक्षा को छात्र यह समझते हैं कि न जाने कितनी मेहनत करनी पड़ेगी. असल में मेहनत तो हर काम में लगती है. चाहें वह सिविल सर्विस हो या अन्य कोई और परीक्षा हो. ऐसे में एक बार मन बनाएं और पूरे मन से परीक्षा की तैयारी में जुट जाएं. फिर मेहनत कम हो या ज्यादा कोई फर्क नहीं पड़ता. मुद्दा यह है कि आपको कितना समझ आ रहा है. कान्सेप्ट कितने क्लियर हो रहे हैं. मैंने 10 से 11 घंटे पढ़ाई की मगर मन से की तो काफी चीजें साफ समझ आईं.
स्ट्रेटजी-अमन बताते हैं कि बिना रणनीति के पास कोई भी परीक्षा पास नहीं कर सकती है. यूपीएससी की परीक्षा में तो यह बहुत आवश्यकता है. एक अच्छी रणनीति बनाइये और तैयारी में जुट जाओ. मैं जाब के साथ पांच से छह घंटे की पढ़ाई करता हूं. अपनी रैंक लगातार सुधारने का प्रयास चल रहा है, ताकि अपने लक्ष्य तक पहुंच सकूं.
हार न मानना: दोनों ही चयनितों का मानना है कि कुछ भी करो मगर हार न कभी मानो. आप एक बार सफल नहीं होंगे तो दूसरी, तीसरी या चौथी बार जरूर आपका समय आएगा, लेकिन जब समय आएगा तो पुराना समय एक दम बदल जाएगा.