MP में चयनित शिक्षकों की पोस्टिंग फिर अटकी:मंत्री की अधिकारियों के साथ चर्चा शुरू
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालयों पर लगे बोर्ड- वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश के बाद की गई स्थगित
भिंड जिला शिक्षा कार्यालय के बाहर नियुक्तियों पर रोक के आदेश लगाए गए हैं।
मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों के लिए शिक्षक वर्ग-1 और शिक्षक वर्ग-2 के 30 हजार से ज्यादा पदों पर चयनित शिक्षकों की भर्ती फिर अटक गई है। दो दिन पहले भर्ती होने की खुशी में कई जगह मिठाई तक बंट गई थी, लेकिन अचानक एक आदेश के बाद फिर से खुशियां मायूसी में बदल गईं।
भर्ती अटकने को लेकर सभी जिलों के जिला शिक्षा कार्यालय में अलग-अलग नोटिस लगे थे। किसी ने लिखा कि तकनीकी खामियों के कारण पोस्टिंग रोकी गई है तो कहीं लिखा गया कि अधिकारियों के निर्देश पर इसे टाला जा रहा है। जल्द ही अगली सूचना दी जाएगी। पोस्टिंग अटकने के बाद इसके बाद मंत्री इंदर सिंह परमार और स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों के बीच बैठकों का दौर शुरू हो गया है। हालांकि, इस पर कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है।
भर्ती कराने के लिए कई आदेश चले
दो दिन पहले स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को आदेश भेजे। इसमें कहा गया कि दो दिन के अंदर यानी 20 सितंबर तक सभी चयनित शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाए। इसके लिए अधिकारियों ने रात भर बैठक कर फाइलें भी पूरी कीं।
मुरैना जिला शिक्षा अधिकारी के बाहर लगा नोटिस।
कोर्ट का आदेश बताया जा रहा
जानकारी के अनुसार, नियुक्तियों पर कोर्ट से रोक लगाई गई है। हालांकि इसका आदेश अभी किसी के पास नहीं है। हाई कोर्ट के सूत्रों से भी इस संबंध में जानकारी नहीं मिल पाई है।
यह है मामला
शिक्षक वर्ग-1 और शिक्षक वर्ग-2 के 30 हजार से ज्यादा पदों को भरने के लिए 2018 में नोटिफिकेशन जारी किया था। इसमें वर्ग-1 के 19,200 पद और वर्ग-2 के 11,300 के करीब पद थे। 2200 पद अलग से बाद में जोड़े गए। इन पदों के लिए पात्रता परीक्षा 2019 में आयोजित की गई। इसके रिजल्ट आने के बाद जनवरी 2020 से अप्रैल 2021 तक सभी चयनित शिक्षकों के सत्यापन की भी प्रक्रिया पूरी कर ली गई, लेकिन अब सरकार नियुक्ति पत्र जारी नहीं कर रही है। इसको लेकर ही चयनित शिक्षक लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।
एक महीने पहले प्रदर्शन किया था
कई दिनों से नियुक्ति की मांग कर रहे मध्यप्रदेश में पात्रता परीक्षा में चयनित 3 हजार से ज्यादा शिक्षक करीब एक महीने पहले भाजपा मुख्यालय पहुंचे और धरने पर बैठ गए थे। हालांकि बाद में पुलिस ने उन्हें बलपूर्वक हटा दिया था।
करीब एक महीने पहले भाजपा कार्यालय के सामने किए गए प्रदर्शन की तस्वीर।
फोन पर धमकी तक दी गई
इधर, प्रदर्शन के बाद कई चयनित शिक्षकों पर मामले दर्ज किए गए। इसके बाद एक-एक शिक्षक को फोन किया गया। उन्हें धमकाया गया कि इस तरह के प्रदर्शन में दोबारा शामिल न ह
दो दिन पहले स्कूल शिक्षा विभाग ने नियुक्ति के आदेश जारी किए थे।