रावतपुरा कला गांव के कई युवाओं की नहीं हो पा रही शादी, एक किलोमीटर दूर से लाना पड़ता है पानी
बुंदेलखंड : पेयजल संकट देख इस गांव में नहीं ब्याहते बेटी पनवाड़ी (महोबा) बुंदेलखंड के महोबा जिले में पेयजल संकट आम बात है। यहां गर्मियों में हैंडपंप जवाब दे जाते है। गांवों में टैंकरों से पानी की आपूर्ति की जाती है। इस दूसरा पहलू यह है कि पेयजल संकट का खामियाजा एक गांव के युवाओं को भुगतना पड़ रहा है। ब्लाक के रावतपुरा कला गांव के लोगों को पानी के लिए एक किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। समस्या देख यहां कोई भी पिता अपनी बेटी की शादी नहीं करना चाहता है, जिससे गांव के कई युवा हरेंद्र अहिरवार का कहना है कि उनकी शादी के लिए रिश्तेदारों के माध्यम से दोबार रिश्ता आया, लेकिन गांव में पानी की समस्या होने पर लड़की वालों ने इनकारकर दिया है। गांव तक पहुंचने के लिए सड़क भी नहीं है। । गांव के नंदकिशोर ने बताया कि गांव में कुंवारे लड़कों की शादी के लिए रिश्ते तो आते हैं लेकिन पानी की समस्या के चलते लड़की वाले इनकार कर देते हैं। गांव में मूलभूत सुविधाओं की कमी हैं।
गांव वाले बोले लोग खेती किसानी कर अपना पालन पोषण करते हैं। गांव के लोगों को एक किलोमीटर दूर स्थित टंकी से पीने का पानी मिलता है। इसके लिए घंटों लाइन लगानी पड़ती है। लोग रात में जागकर पानी भरते हैं। गांव के जयप्रकाश ने बताया कि रात में 11 बजे तक हम लोग पानी भरते हैं और सुबह तीन बजे से फिर से पानी भरना पड़ता है। कई दिनों तक तो लोग नहाते नहीं है। संवाद महोबा जिले के रावतपुर कला गांव के बाहर साइकिल से पानी लेकर जाते लोग संवाद युवा कुंवारे रह गए पनवाड़ी ब्लॉक के मध्यप्रदेश की सीमा से सटी ग्राम पंचायत चौका से जुड़े रावतपुरा कला गांव की आबादी तीन हजार है।