एक ही राजा की 2 बेटियां, एक को मिली शौहरत दूसरी को बदनामी

ब्रिटिश शाही परिवार दुनिया के सबसे ज्यादा लाइमलाइट में रहने वाले शाही परिवारों में से एक है। चाहे इस शाही परिवार का लग्जरी लाइफस्टाइल हो या शाही नियम, सब चर्चा में बने रहते हैं। इनकी पहने चीजें करोड़ों में खरीदने को लोग तैयार हैं। इस रॉयल खानदान का हर सदस्य लाइमलाइट में रहता है। क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय, ब्रिटिश इतिहास में अब तक सबसे ज्यादा समय तक राज करने वाली महारानी हैं जो करीब 7 दशकों से इस औहदे पर हैं।

क्वीन एलिजाबेथ किंग जॉर्ज VI (Sixth) की बेटी हैं और उनका पूरा नाम एलिजाबेथ एलेक्जेंडरा मैरी विंडसर है। जब वह पैदा हुआ उस समय किंग जार्ज पंचम का राज था उसके बाद क्वीन के पिता यानि जॉर्ज छह ब्रिटेन के राजा बने और फिर पिता की मृत्यु के बाद सन 1953 में एलिज़ाबेथ ग्रेट ब्रिटेन की रानी बन गई। क्वीन एलिजाबेथ को एक आदर्श रानी का खिताब प्राप्त है लेकिन ऐसी शौहरत उनकी बहन के हिस्से में नहीं थीं।

आज के इस पैकेज में हम आपको क्वीन की बहन प्रिंसेस मार्गरेट के बारे में ही बताएंगे…

इन दिनों प्रिंसेस मार्गरेट  ( Princess Margaret )   का एक डायमंड ब्रेस्लेट नीलाम किया गया है, जिसकी कीमत अच्छे-अच्छों के पैरों तले जमीन खिसका देंगी। जी हां उनका यह डायमंड ब्रेस्लेट करीब 3,96,800 पाउंड में (£396,800) यानि लगभग 548,085 डॉलर ( $548,085) में नीलाम किया गया, जिसका भारतीय मूल्य करीब 4 करोड़ रु. (4,02,75,779.59) तक रहा । हैं ना सच में हैरान करने वाली अमाउंट।

क्वीन एलिजाबेथ की बहन प्रिंसेस मार्गरेट अपने गहनों, ग्लैमरस लाइफस्टाइल यूनिक फैशन के लिए दुनियाभर में फेमस थी। अपने पूरे जीवनकाल तक उन्होंने एक से बढ़ एक ज्यूलरी पहनी और इक्ट्ठी की। उनकी शाही अलमारी में एक भी चीज ऐसी नहीं थी जिसकी लोगों ने तारीफ ना की हो। उन्हीं में से एक था उनका ये डायमंड ब्रेस्लेट जो मंगलवार 14 सितंबर को नीलाम कर दिया गया, इसमें खरीदार का प्रीमियम भी शामिल था हालांकि अभी यह जानकारी नहीं चल पाई कि इस ब्रेस्लेट का खरीदार कौन है।

बता दें कि सन कार्टियर द्वारा सन 1925 में बनाया आर्ट डेको पर्ल और डायमंड ब्रेस्लेट,  उनकी दादी ने अपनी पोती प्रिंसेस मार्गरेट को उनके 19वें बर्थ डे पर गिफ्ट किया था। डबल लेयर मोतियों वाले इस ब्रेस्लेट के सेंटर में बेशकीमती छोटे-छोटे हीरे जड़े थे। यह मोती खासतौर पर जापान से मंगवाए गए थे। ब्रेस्लेट पर ‘M’ अक्षर की मुहर  भी लगी हुई है, जिससे पता चलता है कि मोती मिकिमोटो से आए थे जो कि जापान के फेमस ज्वैलर्स हैं। सन 1900 के दशक में यह मोती लंदन में काफी पसंदीदा बन गए थे। राजकुमारी मार्गरेट ने इस ब्रेसलेट को कई मौकों पर पहना। 2002 में उनकी मृत्यु के बाद यह ब्रेस्लेट म्यूजियम में नीलामी के लिए भेज दिया गया।

प्रिंसेस मार्गरेट काउंटेस ऑफ स्नोडन, क्वीन एलिजाबेथ और किंग जॉर्ज सीक्सथ की छोटी बेटी और क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय की एकमात्र सहोदर थीं। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान मार्गरेट दुनिया की सबसे प्रसिद्ध समाजवादियों में से एक बन गई जो अपने ग्लैमरस लाइफस्टाइल और प्रतिष्ठित रोमांस के लिए प्रसिद्ध थी लेकिन अपनी गलत आदतों के चलते वह दुनियाभर में बदनाम भी हुईं। अपने पिता की लाडली का आखिरी समय काफी खराब था।

कहा जाता है कि वो दिन में शराब पीती थीं, प्रिंसेस को सिगरेट की लत थी। राजघराने की वो सबसे चंचल लड़की थी लेकिन सगी बहन के सामने ही उनकी चमक फीकी थी या यूं कहें कि बना दी गई थी। मार्गरेट बचपन से ही अपने पिता की दुलारी थीं लेकिन शाही होने के बावजूद उनकी परवरिश सामान्य बच्चे की तरह की गई और जब वह 6 साल की हुईं तब सबकुछ बदल गया क्योंकि 1936 में उनके चाचा एडवर्ड 8 ( Edward VIII ) ने इंग्लैंड  के राजा का तख्त छोड़ दिया। इसके बाद मार्गरेट के पिता को इंग्लैंड का राजा घोषित किया गया जिसके बाद मार्गरेट की ज़िंदगी बदल गई। राजा की दोनो बेटियां, क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय और प्रिंसेस मार्गरेट सुर्खियों में रहने लगी   लेकिन जहां एलिजाबेथ इतिहास की पढ़ाई कर रही थीं वहीं मार्गरेट एक बागी का रूप ले रहीं थीं। मार्गरेट को बुरा जबकि रानी को अच्छा दिखाया गया। ऐसा खुद राजकुमारी मार्गरेट ने एक बयान में कहा था, मीडिया पर आरोप लगाए हुए राजकुमारी ने कहा था कि “जब मैं और मेरी बहन बड़े हो रहे थे तब मीडिया ने उसे अच्छी लड़की का किरदार दिया और मुझे कई बार बुरा साबित किया।”

धीरे-धीरे यह बागीपन बढ़ता गया उनके पहनावे में भी यह बागी पन दिखाई देने लगा था। उनसे जुड़ी कई तस्वीरें अखबार और मीडिया जगत में सुर्खियां बनती जिसमें वह वोदका पीती और सिगरेट के कश लेती साफ नजर आ जाती थीं। वहीं रानी बनने के बाद एलिजाबेथ का व्यवहार भी बहन के साथ अलग होने लगा। उनकी नजर में छोटी बहन की छवि नेगेटिव ही रहीं। एक समय मार्गरेट अपने बाथरूम में फिसलकर गिर गईं। उसके बाद से  उनकी तबीयत खराब ही रहने लगीं। खुद को ढूंढने की तलाश में सन 2002 में 71 की आयु में राजकुमारी मार्गरेट ने दुनिया को अलविदा कह दिया।

जहां एक बहन को शाही ठाठ-बाठ मिला वहीं दूसरी को गुमनामी और नाकारात्मकता। क्या सच में मीडिया ने उसे बुरा साबित कर दिया और रानी को अच्छा … शाही राज जो हमेशा राज ही बने रहे।

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