महामारी ने सिखाया कि हमें गले लगना या नहीं:फ्रांस में स्वागत करने के पुराने तरीके से लोग अब दूर रहना चाहते हैं
कोरोना वायरस महामारी ने लोगों को लंबे समय तक शारीरिक संपर्क से दूर रखा था। कई देशों में लोगों ने गर्मजोशी से मिलने और स्वागत करने के परंपरागत तरीकों से तौबा कर ली थी। फ्रांस में प्रियजनों और यहां तक कि अजनबियों का गले लगाकर और गाल का चुंबन लेकर स्वागत करने की परंपरा को वायरस ने बदल दिया है।
वायरस का प्रकोप फैलने पर अधिकारियों ने लोगों से शारीरिक संपर्क से दूर रहने के लिए कहा था। लेकिन, अब फ्रांस की आधी से ज्यादा आबादी को वैक्सीन लगने और लॉकडाउन संबंधी पाबंदियां खत्म होने के बाद भी लोग स्वागत का पुराना तरीका शुरू करने पर दुविधा में हैं।
पोइटियर शहर में स्थित मानसिक विशेषज्ञ केरिन बाउटिन कहती हैं, महामारी ने अहसास कराया है कि हमें गले लगना या नहीं। हम नहीं जानते कि भविष्य में भी लोग उसी गर्मजोशी से आलिंगन करेंगे जैसा पहले करते थे। फ्रांस के अलग-अलग क्षेत्रों में यह तरीका अलग-अलग है।
कुछ क्षेत्रों में दो बार गालों का चुंबन लेते हैं तो दक्षिणी शहर मोंटपेलियर में तीन बार और उत्तर पश्चिमी क्षेत्र ब्रिटेनी में एक बार। नए लोगों के लिए स्वागत के तरीकों का ब्योरा समझाने के लिए नक्शे बनाए गए हैं।
फ्रांसीसी आलिंगन का राजनीति में भी चलन है। जनप्रतिनिधि अपने नागरिकों से निकटता दर्शाने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वां ओलांद उन्हें चुंबनों का राष्ट्रपति कहा जाना पसंद करते थे। पिछले साल पेरिस के मेयर चुनाव के एक प्रत्याशी रछिदा दाती ने उस समय कहा था, जनता के निकट जाए बिना प्रचार करने से मूड खत्म हो जाता है।
महामारी फैलने के बाद फ्रांस सहित दुनियाभर में लोगों ने कोहनियां टकराने या पैर टकराने जैसे अभिवादन के नए तरीकों का इस्तेमाल शुरू कर दिया। हालांकि, फ्रांस में अब अधिकतर लोगों को अभिवादन के पुराने तरीके की कमी नहीं खलती है।
मार्च में प्रकाशित एक सर्वे में आधे लोगों ने कहा कि वे भविष्य में प्रियजनों का स्वागत पुराने तरीके से नहीं करेंगे। 78 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे अजनबियों की अगवानी इस तरह से कतई नहीं करेंगे। कई लोग सोचते हैं कि महामारी से कई आवांछनीय आलिंगनों का युग खत्म हो जाएगा।
कुछ लोगों की राय है कि परिजनों और दोस्तों के बीच इस तरीके का बंद होना दुखद होगा।
गाले फोर्नियर