राखी सावंत का आप विधायक राघव चड्ढा पर पलटवार, बोली- मिस्टर मेरा नाम लिया तो…
बॉलीवुड ड्रामा क्वीन राखी सावंत अपनी बेबाक बयानबाजी के चलते अक्सर खबरों में बनी रहती हैं, लेकिन अब पंजाब की राजनीति को लेकर राखी का नाम खासा चर्चा में हैं। हालांकि, राखी के कुछ न कहने और करने के बावजूद उनका नाम चर्चा में आ गया हैं। इस बार आम आदमी पार्टी (आप) के नेता राघव चड्ढा ने कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाबी की राजनीति का राखी सावंत कहकर राखी को भड़का दिया है।
राजनीतिक बयानबाजी में अपना नाम घसीटे जाने पर राखी सावंत ने नाराजगी जताई है। राखी ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए बेहद सख्त अंजाद में कहा,” मिस्टर राघव चड्ढा- मुझसे और मेरे नाम से दूर रहो. जो मिस्टर चड्ढा, चड्ढा हो ना, मेरा नाम लोगे ना तो मैं तुम्हारा चड्ढा उतार दूंगी। राखी ने कहा कि राघव चड्ढा को ट्रेंडिंग में आने के लिए कैसे मेरे नाम की जरूरत पड़ गई। मैं अब भी ट्रेंडिंग में हूं।”
गौरतलब है कि पंजाब में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ही नेताओं में जुबानी जंग तेज हो गई है। आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के सह प्रभारी और दिल्ली से विधायक राघव चड्ढा ने शुक्रवार को नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब की राजनीति का राखी सावंत करार दिया था। चड्ढा ने अपने बयान में कहा था कि सिद्धू बेतुके बयान देने की बीमारी से पीड़ित हैं, इसलिए आदत से मजबूर होकर इस प्रकार की बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सिद्धू की कही कोई भी बात गंभीर नहीं होती तथा हर जगह वह हंसी की पात्र ही बनते हैं।
चड्ढा ने कहा कि पहले सिद्धू अपनी ही सरकार और सरकार के मुखिया कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ रोजाना बयानबाजी कर रहे थे, लेकिन आलाकमान की फटकार के बाद अब वह चुप हैं। अब उन्हें कुछ और नहीं सूझ रहा, इसलिए वह आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ फिजूल की बयानबाजी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सिद्धू कुछ दिनों बाद फिर से कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बयानबाजी शुरू करेंगे। मुद्दा जरूरी हो या नहीं नवजोत सिंह सिद्धू को अपने बेतुके बयानों से सुर्खियों में रहने की आदत हो गई है। पिछले लंबे समय से सिद्धू अपनी ऐसी बेतुकी बयानबाजी के कारण मीडिया में हंसी का पात्र बने हुए हैं।
चड्ढा ने तंज कसते हुए कहा कि यहां तक कि कांग्रेस आलाकमान और कांग्रेस की लीडरशिप भी सिद्धू को गंभीरता से नहीं लेती है, इसलिए सोनिया गांधी ने नवजोत सिंह सिद्धू के दिल्ली दौरे के दौरान उनसे मिलने से भी इनकार कर दिया था। उन्होंने सिद्धू को सलाह दी थी कि वह इस प्रकार की निचले स्तर की बयानबाजी बंद करें और पंजाब के गंभीर मुद्दों पर काम करें।