लॉन्ग कोविड का एक खतरा यह भी
आईसीयू में भर्ती हुए कोविड के मरीजों में किडनी फेल होने का खतरा अधिक, 90% मरीज समझ नहीं पाते वे बीमारी से जूझ रहे या नहीं
कोरोना से रिकवर होने वाले मरीजों में किडनी बुरी तरह डैमेज हो रही हैं और मरीजों को कोई लक्षण नहीं दिखाई दे रहे हैं। यह दावा अमेरिका की वाशिंगटन यूनिवर्सिटी की रिसर्च में किया गया है। रिसर्च कहती है, कोरोना के वो मरीज जो हॉस्पिटल में भर्ती हुए या जिनमें हल्के लक्षण दिखे थे उनमें किडनी डैमेज (एंड स्टेज किडनी डिजीज) होने का खतरा है।
1 सितम्बर को अमेरिकन सोसायटी ऑफ नेफ्रोलॉजी में पब्लिश रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना से रिकवर होने वाले जिन मरीजों को धमनियों से जुड़ी समस्या हुई। हॉस्पिटल में भर्ती होने के बाद उनमें किडनी की बीमारी शुरू हुई। वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता जियाद अल-अली कहते हैं, संक्रमण के बाद आईसीयू में भर्ती होने वाले मरीजों में किडनी के फेल होने का खतरा अधिक है।
मरीजों के आंकड़ों पर रिसर्च की
सेंट लुइस हेल्थ केयर सिस्टम और वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अमेरिका में फेडरल हेल्थ डाटा का विश्लेषण किया। रिपोर्ट में सामने आया कि किडनी के डैमेज होने वजह लॉन्ग कोविड है।
किडनी के मरीजों में आमतौर पर इसके लक्षण नहीं दिखते हैं। नेशनल किडनी फाउंडेशन का कहना है, लगभग 90 फीसदी मरीजों में किडनी से जुड़ी बीमारी के लक्षण नहीं दिखते हैं। 3.7 करोड़ अमेरिकी इसी स्थिति से जूझ रहे हैं।
एक्सपर्ट्स का कहना है, किडनी के मरीजों में 70 से 80 फीसदी तक किडनी धीरे-धीरे काम करना बंद कर देती है, तब तक मरीज इसे समझ नहीं पाते। इसके कुछ लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। जैसे- यूरिन में प्रोटीन का स्तर अधिक बढ़ना, पैर, टखने और आंखों के चारों तरफ सूजन होना, सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ होना।
किडनी को स्वस्थ्य कैसे रखें और फेल होने से कैसे बचाएं?
सीडीसी से मुताबिक, अपने ब्लड प्रेशर को 140/90 से कम रखें या अपने डॉक्टर से सलाह लेकर ब्लड प्रेशर टार्गेट का पता करें। कम नमक वाला खाना खाएं, फल और सब्जियों की डाइट बढ़ाएं। इसके अलावा एक्टिव रहें और अपनी तय कॉलेस्ट्रॉल रेंज को बनाए रखें। साथ ही डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाइयां लेते रहें।अगर आपकी किडनी फेल हो जाती है तो आपको डायलिसिस ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ती है। ऐसे में अपनी किडनी को स्वस्थ रखना और फेल होने से बचाना बहुत जरूरी है। सीडीसी के अनुसार, अगर आप जोखिम में हैं तो क्रोनिक किडनी बीमारियों की जांच कराते रहें और शुरुआत में पता लगने के साथ ही इलाज भी कराएं।अगर आपको डायबिटीज है तो हर साल ब्लड और यूरीन की जांच कराएं और ब्लड शुगर रेंज में रहें। एक जगह बैठे रहने की आदत न डालें और एक्टिव रहें, क्योंकि फिजिकल एक्टिविटि ब्लड शुगर स्तर को कंट्रोल करने में मदद करती है।मोटापा भी मुश्किलों का कारण बन सकता है। अगर आपका वजन ज्यादा है तो इसे कम करें और स्मोकिंग की आदत को छोड़ दें। अगर आपको क्रोनिक किडनी बीमारी है तो डायटीशियन से मिलकर किडनी को स्वस्थ्य बनाए रखने के लिए फूड प्लान तैयार करें।
कैसे खुद का बचाव करें
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कोविड के मरीजों को किडनी की जांच के लिए समय-समय पर क्रिएटिनिन टेस्ट कराना चाहिए। इसके अलावा किडनी बेहतर काम कर रही है या नहीं, इसे जांचने के लिए eGFR टेस्ट करा सकते हैं।