अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी CDC की रिपोर्ट
वैक्सीन न लगवाने वालों में कोविड से मौत का खतरा 10 गुना तक ज्यादा, टीके के असर को जांचने वाली इन 3 रिसर्च रिपोर्ट से समझें उनका असर
जिन लोगों ने कोरोना की वैक्सीन नहीं लगवाई है उन्हें कोविड होने पर मौत का खतरा 10 गुना तक ज्यादा है। अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी सीडीसी ने अपनी वीकली रिपोर्ट में यह दावा किया है। सीडीसी ने तीन स्टडीज के जरिए यह जोर दिया है कि कोरोना से होने वाली मौतों को रोकना है तो कोविड की वैक्सीन लगवाना जरूरी है।
सीडीसी ने अपनी वीकली रिपोर्ट ‘मॉर्बेलिटी एंड मॉर्टेलिटी’ में वैक्सीन के असर को बताने वाली तीन अलग-अलग रिसर्च शामिल की हैं, जानिए इनके बारे में…
पहली रिसर्च: अमेरिका के 13 राज्यों में 6 लाख लोगों को शामिल किया
वर्तमान में मौजूद कोविड की सभी वैक्सीन हॉस्पिटल में भर्ती होने और मौत का खतरा घटाती हैं। डेल्टा के मामले में भी। इसे समझने के लिए सीडीसी ने कोविड के 6 लाख मामलों का अध्ययन किया। इसमें वैक्सीन लेने के बाद 18 साल या इससे अधिक उम्र के हॉस्पिटल में भर्ती होने वाले मरीज और कोरोना के मरने वालों का डाटा शामिल किया। ये सभी मरीज अमेरिका के 13 राज्यों से थे, जो 4 अप्रैल और 17 जुलाई के बीच कोविड से प्रभावित हुए थे।
रिपोर्ट कहती है, मध्य जून से मध्य जुलाई के बीच जब डेल्टा वैरिएंट्स ने दूसरे स्ट्रेन के साथ संक्रमण फैलाना शुरू किया था तो इसे रोकने में वैक्सीन का असर 90 से घटकर 80 फीसदी तक पहुंच गया था। इस दौरान मरीजों को हॉस्पिटल में भर्ती होने और मौत के मामले को रोकने में वैक्सीन के असर में कमी नहीं आई।
इमोरी यूनिवर्सिटी के वायरस विशेषज्ञ मेहुल सुतार कहते हैं, संक्रमण को रोकने में वैक्सीन का 80 फीसदी तक प्रभावी होना अच्छी बात है। वर्तमान में मौजूद वैक्सीन्स तेजी से संक्रमण फैलाने वाले वैरिएंट्स से भी सुरक्षा करती है।
दूसरी स्टडी: मॉडर्ना की वैक्सीन 95 फीसदी तक असरदार
दूसरी स्टडी अलग-अलग वैक्सीन्स के असर को जांचने के लिए की गई। यह रिसर्च जून से अगस्त 2021 तक अमेरिका के 9 राज्यों में 32,000 मरीजों पर की गई। इस दौरान डेल्टा वैरिएंट्स संक्रमण की शुरुआती स्टेज में था।
रिसर्च में सामने आया कि डेल्टा वैरिएंट्स से निपटने में फाइजर और जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन के मुकाबले मॉडर्ना की वैक्सीन ज्यादा असरदार है। 18 साल और इससे अधिक उम्र के वयस्कों को संक्रमण के बाद हॉस्पिटल में भर्ती होने से रोकने में मॉडर्ना की वैक्सीन 95 फीसदी तक कारगर है। जबकि फाइजर की वैक्सीन 80 फीसदी और जॉनसन एंड जॉनसन का टीका मात्र 60 फीसदी तक ही असरदार है।
अमेरिका में इंडियाना यूनिवर्सिटी की शोधकर्ता शॉन ग्रेनिस कहती है, दुनियाभर के रियलटाइम आंकड़े कहते हैं, मरीजों को भर्ती होने और नए वैरिएंट्स का संक्रमण रोकने में वैक्सीन्स असरदार हैं।
तीसरी स्टडी: मॉडर्ना की वैक्सीन 95 फीसदी तक असरदार
तीसरी स्टडी फाइजर-बायो एन टेक और मॉडर्ना की mRNA वैक्सीन पर की गई। रिसर्च में सामने आया कि डेल्टा के संक्रमण के बीच भी ये वैक्सीन कोविड मरीजों को हॉस्पिटल में भर्ती होने से रोकने में 87 फीसदी तक असरदार साबित हुई। 18 से 64 साल के मरीजों में इनका असर 95 फीसदी और 65 साल से अधिक उम्र वालों में यह आंकड़ा 80 तक था।