तालिबान सरकार को नहीं मानेगा भारत
विदेश मंत्री जयशंकर बोले- अफगानिस्तान की नई हुकूमत एक व्यवस्था से ज्यादा कुछ नहीं
अफगानिस्तान पर तालिबानी कब्जे के 26 दिन बाद भारत ने अंतरिम सरकार के मान्यता को लेकर अपना रूख स्पष्ट किया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को साफ कर दिया कि भारत अफगानिस्तान में काबिज तालिबानी हुकूमत को मान्यता नहीं देगा।
जयशंकर ने कहा- भारत तालिबान की नई सरकार को एक व्यवस्था (Dispensation) से ज्यादा कुछ नहीं मानता है। जयशंकर ने तालिबान सरकार में सभी वर्गों की सहभागिता की कमी को भी चिंताजनक बताया। इससे पहले तालिबान को मान्यता देने को लेकर भारत ने वेट एंड वॉच की बात कही थी।
ऑस्ट्रेलिया के साथ शनिवार को टू प्लस टू मीटिंग में दोनों देशों के नेताओं ने अफगानिस्तान में महिलाओं और अल्पसंख्यकों के हालात को लेकर चिंता जताई। मीटिंग में भारत की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल हुए। वहीं ऑस्ट्रेलिया की ओर से विदेश मंत्री मेरी पायने और रक्षा मंत्री पीटर ड्यूटन शामिल हुए।
चीन को दिया करारा जवाब
चीन के द्वारा क्वाड देशों को एशियाई नाटो कहने के सवाल पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा- क्वाड (भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और जापान का गठजोड़) देशों का दृष्टिकोण साफ है। हम कोरोना महामारी के खिलाफ वैक्सीनेशन, सप्लाई चेन और शिक्षा पर जोर देते हैं। इसलिए क्वाड को एशियाई नाटो कहना गलत धारणा है, क्योंकि नाटो एक शीतयुद्ध की शब्दावली है। उन्होंने कहा कि ये पूरी तरह से एक राजनयिक-गठजोड़ है।
दिल्ली में दोनों देशों के नेताओं ने द्विपक्षीय सुरक्षा, व्यापार और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की।
अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंक फैलाने के लिए नहीं होना चाहिए
बैठक में दोनों देशों ने एक सुर में कहा कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल दुनिया में आतंक फैलाने के लिए नहीं होना चाहिए। इसको लेकर भारत ने ऑस्ट्रेलिया से संयुक्त राष्ट्र के 2593 बिल को लागू करने को लेकर चर्चा की है। इस बिल के तहत किसी भी देश को आतंकवाद को बढ़ावा देने से रोकने पर जोर दिया जाता है। जयशंकर ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया के साथ टू प्लस टू मीटिंग में अफगानिस्तान में व्यवस्था के समावेशीकरण और महिलाओं-अल्पसंख्यकों के हालात पर चर्चा हुई है।
इशारों-इशारों में चीन पर भी बरसे दोनों देश
भारत और ऑस्ट्रेलिया इशारों-इशारों में चीन पर भी जमकर बरसे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि टू प्लस टू वार्ता भारत और ऑस्ट्रेलिया की समग्र रणनीतिक साझेदारी को दर्शाती है। दोनों देशों के संबंध स्वतंत्र, मुक्त, समेकित और समृद्धशाली इंडो-पैसेफिक क्षेत्र की साझा दृष्टि पर आधारित हैं। वहीं, ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री पीटर ड्यूटन ने भी कहा कि दोनों देशों को बिना रोक-टोक के व्यापार, अंतरराष्ट्रीय नियमों पर कायम रहना और सतत आर्थिक विकास सुनिश्चित करने की जरूरत है।
ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री पीटर ड्यूटन और विदेश मंत्री मेरी पायने ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की।
आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में समझौता नहीं हो
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि अमेरिका के आज 9/11 हमले की 20वीं जयंती है। ये हमला याद दिलाता है कि हमें आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में समझौता नहीं करना चाहिए। भारत तो इसलिए भी नहीं कर सकता है क्योंकि आतंकवाद का केंद्र हमारे करीब है। मेरी पायने ने भी कहा कि हमारे मित्र देश अमेरिका पर हुए 9/11 हमले को हम कभी भुला नहीं सकते।
प्रधानमंत्री से भी मिले दोनों नेता
ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मेरी पायने ने भी अफगानिस्तान में मानवधिकारों के हनन पर चिंता जताई। अफगानिस्तान में मानवीय सहायता को लेकर उन्होंने टू प्लस टू मीटिंग में भारत से चर्चा की है। दोनों नेताओं ने देर शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय, सुरक्षा, व्यापार और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की।