तालिबान को लेकर लोकतांत्रिक देशों के रवैये पर भड़के जावेद अख्तर, कहा- ‘मान्यता ना दें, यह शर्म की बात है’
मशहूर गीतकार जावेद अख्तर ने तालिबान को लेकर विश्व नेताओं और देशों के रवैये पर नाराजगी जताई है। जावेद अख्तर ने कहा कि यह शर्म की बात है कि कथित सभ्य और लोकतांत्रिक देश तालिबान से हाथ मिलाने को तैयार हैं। उन्होंने सभी देशों से यह गुहार लगाई कि वे तालिबान को मान्यता ना दें। जावेद अख्तर ने ये बातें ट्वीट के जरिए कही हैं।
तालिबान से हाथ मिलाने पर भड़के
जावेद अख्तर ट्वीट करते हैं कि ‘प्रत्येक उदार व्यक्ति, प्रत्येक लोकतांत्रिक सरकार, दुनिया के हर सभ्य समाज को महिलाओं के क्रूर दमन के लिए तालिबानियों को मान्यता देने से मना कर देना चाहिए और निंदा करनी चाहिए या फिर न्याय, मानवता और विवेक जैसे शब्दों को भूल जाना चाहिए।‘
Every decent person ,every democratic government every civilised society in the world should refuse to recognise and condemn Talibans for their ruthless repression of Afgan women or let’s forget the words like justice , humanity and conscience.
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) September 10, 2021
महिलाओं को लेकर किया ट्वीट
अपने अगले ट्वीट में जावेद अख्तर ने तालिबान प्रवक्ता के उस बयान की आलोचना की जिसमें उन्होंने कहा था कि महिलाएं बच्चे पैदा करने के लिए होती हैं मंत्री बनने के लिए लिए नहीं। जावेद अख्तर लिखते हैं कि ‘तालिबान के प्रवक्ता ने दुनिया को बताया कि महिलाएं मंत्री बनने के लिए नहीं होतीं बल्कि घर पर रहने और बच्चे पैदा करने के लिए होती हैं, लेकिन दुनिया के कथित सभ्य और लोकतांत्रिक देश तालिबान से हाथ मिलाने के लिए तैयार हैं, यह शर्म की बात है।‘
The spokesperson of Taliban has told the world that women are not meant to be ministers but to stay at home and bear children but the so called civilised and democratic countries of the world are willing to shake Talibani hand . What a shame .
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) September 10, 2021
बयान पर मचा था बवाल
इससे पहले एनडीटीवी से बात करते हुए जावेद अख्तर ने कहा था कि ‘दुनियाभर में दक्षिणपंथी एक जैसी चीजें चाहते हैं।‘ उन्होंने कहा, ‘जैसे तालिबान एक इस्लामिक देश चाहता है वैसे ही ये लोग हैं जो हिंदू राष्ट्र चाहते हैं। ये लोग एक ही मानसिकता के हैं।‘ आगे वह कहते हैं, ‘बेशक तालिबान बर्बर है और उनकी हरकतें निंदनीय हैं लेकिन जो लोग आरएसएस, विहिप और बजरंग दल का समर्थन कर रहे हैं वे सभी एक जैसे हैं।‘