काशीपुर विधायक चीमा को झटका, चुनाव रद्द करने की याचिका पर हाईकोर्ट में अब रोज़ सुनवाई

नैनीताल. काशीपुर विधायक हरभजन सिंह चीमा की मुश्किलें बढ़ने जा रही हैं. उत्तराखंड हाई कोर्ट ने चीमा के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करने वाले विधायक के प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया है. यही नहीं, चीमा के खिलाफ दायर की गई याचिका की डे-टू-डे यानी रोजाना सुनवाई का फैसला भी कोर्ट ने लिया है. कोर्ट इस मामले में 7 सितंबर से बयानों व गवाहों को सुनना शुरू करने जा रहा है. हाई कोर्ट के इस रुख के बाद याचिका पर जल्द फैसला आने की उम्मीद बंध गई है.

क्यों विधायक के खिलाफ दाखिल की गई याचिका?
दरअसल राजीव अग्रवाल ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर साल 2017 में हरभजन चीमा के चुनाव को गलत बताते हुए चुनौती दी है. याचिका में आरोप है कि विधायक चीमा ने नामांकन पत्र में गलत तथ्य दर्शाए. याचिका में कहा गया है कि इसकी शिकायत चुनाव अधिकारी से की गई, लेकिन आरओ ने प्रार्थना पत्र को खारिज कर चीमा के नामांकन को सही बताया था. याचिका में चुनाव निरस्त करने की मांग की गई है. हालांकि इस याचिका को खारिज करने की मांग लेकर हरभजन सिंह चीमा ने भी प्रार्थना पत्र दाखिल किया था, जिसमें कहा गया था कि अग्रवाल को आदेश 7 नियम 11 के अंतर्गत याचिका दायर करने का अधिकार नहीं है. लेकिन कोर्ट ने इससे सहमति नहीं जताई.

कौन से तथ्यों को लेकर है आरोप?
वकील राहुल कंसल ने बताया कि विधायक के पैन कार्ड में जन्म तिथि 8 जनवरी 1944 लिखी गई है और पासपोर्ट में 7 अप्रैल 1946. उन्होंने सेल्स टैक्स की 10 रुपये की देनदारी की सूची को भी चुनाव के समय नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान छुपाया. उन्होंने कहा कि शिकायत चुनाव अधिकारी से भी की गई थी, लेकिन उनके द्वारा सुनवाई नहीं करने के कारण याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट

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