अपनी मारुति कार की खराबी का कैसे पता करें,

उसे सही कराने की प्रोसेस क्या है? रिकॉल पर एक्सपर्ट का क्या कहना है; जानिए सब कुछ

मारुति सुजुकी ने भारतीय बाजार में बिकने वाली 1,81,754 कारों को रिकॉल किया है। इन कारों का प्रोडक्शन 4 मई 2018 से 27 अक्टूबर 2020 के बीच किया गया है। कंपनी का कहना है कि इन कारों के सेफ्टी फीचर्स में कुछ खराबी हो सकती है। इस लिस्ट में कंपनी की लग्जरी सेडान सियाज, प्रीमियम हैचबैक एस-क्रॉस, SUV विटारा ब्रेजा, 7 सीटर अर्टिगा और XL6 शामिल हैं। इसमें 3 मॉडल नेक्सा और 2 मॉडल एरेना डीलरशिप के हैं।

मारुति देश की सबसे बड़ी कार कंपनी है। जो हर महीने लाखों गाड़ियां बेचती है। ऐसे में कंपनी के लिए ये बड़ा रिकॉल भी है। आखिर रिकॉल क्या होता है? आपकी गाड़ी इस रिकॉल में शामिल है या नहीं? कार में आई खराबी सही होने में कितना समय लगेगा? इसमें खर्च कितना आएगा? इसे सही कराने के लिए आपको क्या करना होगा? ऐसे तमाम सवालों के जवाब हम आपको इस एक्सप्लेनर में दे रहे हैं…

सबसे पहले जानते हैं मारुति सुजुकी के उन पांचों मॉडल की कीमत जिन्हें कंपनी ने रिकॉल किया है…

रिकॉल क्या है और क्यों होता है?
जब कोई कंपनी अपने बेचे गए प्रोडक्ट को वापस मंगाती है, तो इसे रिकॉल कहते हैं। किसी कंपनी के द्वारा रिकॉल का फैसला उस वक्त लिया जाता है जब उसके प्रोडक्ट में कोई खराबी होती है। रिकॉल की प्रोसेस के दौरान वो प्रोडक्ट की खराबी को दुरुस्त करना चाहती है। ताकि भविष्य में प्रोडक्ट को लेकर ग्राहक को किसी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़े।

मारुति सुजुकी ने अपनी गाड़ियां क्यों रिकॉल कीं?
इस बारे में भोपाल RMJ मोटर्स में सर्विस ग्रुप के जनरल मैनेजर, विशाल गंगरेड ने बताया कि कंपनी ने जिन गाड़ियों को रिकॉल किया है उनकी मोटर जनरेटर यूनिट (MGU) पार्ट में खराबी है। इस पार्ट की मदद से इलेक्ट्रिकल पावर को फ्रीक्वेंसी, वोल्टेज या फेस पावर में कन्वर्ट किया जाता है। भीगने से इस पार्ट में खराबी आ सकती है। ऐसे में गाड़ी को पानी से भरे हुए इलाके में ना ले जाएं। कंपनी ने इसी पार्ट को बदलने के लिए रिकॉल किया है।

मुझे कैसे पता चलेगा कि मेरी गाड़ी रिकॉल में शामिल है या नहीं?
इसके लिए ग्राहक को एक छोटी सी प्रोसेस फॉलो करना होगा। आपके पास एरेना (ब्रेजा और अर्टिगा) या नेक्सा (एस-क्रॉस, सियाज और XL6) कोई भी मॉडल हो, प्रोसेस लगभग एक जैसी है। सबसे पहले व्हीकल आइडेंटिफिकेशन नंबर (VIN) निकालें। इसमें 17 कैरेक्टर (नंबर+अल्फाबेट) होते हैं। ये नंबर कार के डैशबोर्ड, विंडशील्ड के अंदर की तरफ, ड्राइवर डोर के अंदर की तरफ, कार के डॉक्युमेंट्स, इंश्योरेंस और सर्विस रिकॉर्ड में होता है। अब समझिए आगे की प्रोसेस…

एरेना मॉडल की प्रोसेस : ग्राहक www.marutisuzuki.com/important-information-for-customers को ओपन करें। यहां सबसे ऊपर 1,81,754 कारों को रिकॉल करने वाली लिंक होगी, उस पर क्लिक करें। अब एक नया पेज ओपन होगा, इसमें नीचे की तरफ Click here पर क्लिक करें। अब एक बॉक्स ओपन होगा इसमें VIN नंबर डालें। यदि आपकी कार में खराबी है तब उसके बारे में पता चल जाएगा।नेक्सा मॉडल की प्रोसेस : ग्राहक www.nexaexperience.com/important-information-for-customer को ओपन करें। यहां सबसे ऊपर 1,81,754 कारों को रिकॉल करने वाली लिंक होगी, उस पर क्लिक करें। अब एक नया पेज ओपन होगा, इसमें नीचे की तरफ Click here पर क्लिक करें। अब एक बॉक्स ओपन होगा इसमें VIN नंबर डालें। यदि आपकी कार में खराबी है तब उसके बारे में पता चल जाएगा।

अगर मेरी गाड़ी में खराबी है तब मुझे क्या करना होगा? कार कब तक ठीक हो जाएगी?

विशाल गंगरेड ने बताया जिन गाड़ियों के MGU पार्ट में खराबी है उन्हें बदलने की प्रोसेस 1 नवंबर से शुरू होगी। ग्राहक अपने निकटतम सर्विस सेंटर में फोन करके पार्ट को चेंज करवाने के लिए टाइम ले सकते हैं। पार्ट को बदलने में 2 से 3 घंटे का वक्त लगेगा। यदि सर्विस सेंटर पर पार्ट उपलब्ध नहीं होता है तब ग्राहक को थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है। हालांकि, ये बहुत बड़ी समस्या नहीं है और ग्राहकों को इसके लिए परेशान होने की जरूरत भी नहीं है।

यदि पार्ट बदला जाता है तो क्या मुझे इसका पेमेंट करना होगा?
नहीं, मारुति की तरफ से इस पार्ट को एकदम फ्री बदला जाएगा। आपको सिर्फ अपनी कार सर्विस सेंटर द्वारा दिए गए टाइम पर लेकर जाना है। कंपनी पार्ट बदलने के साथ आपकी कार की क्लीनिंग और वॉशिंग भी फ्री करके देगी।

जब तक गाड़ी नहीं मिलेगी तब तक के लिए क्या कंपनी कोई दूसरी गाड़ी देगी?
नहीं, कंपनी का कहना है कि पार्ट बदलने में 2 से 3 घंटे ही लगेंगे। सभी ग्राहकों को अलग-अलग दिन और टाइम पर बुलाया जाएगा, जिससे उनकी कार उसी दिन सही करके हैंडओवर की जा सके। ऐसे में कंपनी की तरफ से दूसरी गाड़ी मिलने जैसी सुविधा नहीं मिलेगी।

देश में गाड़ी रिकॉल के बड़े मामले

1. बलेनो और वैगनआर रिकॉल: जुलाई 2020 में मारुति ने वैगनआर और बलेनो की 1,34,885 यूनिट्स को रिकॉल किया था। इन मॉडल को 15 नवंबर, 2018 से 15 अक्टूबर, 2019 के बीच तैयार किया गया था। कंपनी ने फ्यूल पंप में खराबी के चलते गाड़ियों को रिकॉल किया था।2. मारुति ईको रिकॉल: नवंबर 2020 में कंपनी ने ईको की 40,453 यूनिट्स को रिकॉल किया था। कंपनी ने गाड़ी के हेडलैम्प पर मिसिंग स्टैंडर्ड सिंबल की वजह से ये फैसला लिया था। इस रिकॉल में 4 नवंबर, 2019 से 25 फरवरी, 2020 के बीच मैन्युफैक्चर की गई ईको शामिल थीं।3. महिंद्रा पिकअप रिकॉल: बीते महीने महिंद्रा एंड महिंद्रा ने अपने कॉमर्शियल पिकअप व्हीकल की 29,878 यूनिट्स को रिकॉल किया था। कंपनी ने कहा था कि जनवरी 2020 से फरवरी 2021 के बीच मैन्युफैक्चर होने वाले कुछ पिकअप व्हीकल में एक फ्ल्यूड पाइप का रिप्लेसमेंट किया जाना है।4. महिंद्रा थार रिकॉल: महिंद्रा एंड महिंद्रा ने अपनी ऑफरोड SUV थार के डीजल वैरिएंट की 1577 यूनिट्स को फरवरी 2021 में रिकॉल किया था। कंपनी ने कहा था कि प्लांट की मशीन में गड़बड़ी के चलते ये पुर्जे खराब लग गए। सभी यूनिट का प्रोडक्शन 7 सितंबर से 25 दिसंबर, 2020 के बीच में किया गया था।5. रॉयल एनफील्ड रिकॉल: मई 2021 में शॉर्ट सर्किट की आशंका के चलते रॉयल एनफील्ड ने बुलेट 350, क्लासिक 350 और मीटिअर 350 की 2,36,966 यूनिट्स को वापस मंगाया था। इन सभी की मैन्युफैक्चरिंग दिसंबर 2020 से अप्रैल 2021 के बीच की गई थी।

कंपनी के रिकॉल पर एक्सपर्ट की सलाह
कार एक्सपर्ट और यूट्यूबर (आस्क कारगुरु), अमित खरे ने बताया कि कार में खराबी को लेकर यदि कंपनी रिकॉल का फैसला करती है तो उसका फायदा ग्राहकों को ही होता है। कंपनी को इसके लिए पहले सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्स (SIAM) को एक डेटा देना पड़ता है। जिसमें कार की खराबी के साथ कितने प्रतिशत लोगों को प्रॉब्लम हो रही है, बताना पड़ता है। जिसके बाद सियाम अप्रूवल देता है। कंपनी खराबी को ठीक करने के लिए एक टाइम तय करती है। यदि किसी ग्राहक की गाड़ी उसके खरीदे गए शहर से बाहर है तब वो दूसरे शहर के निकटतम सर्विस सेंटर पर भी उसे ठीक करा सकता है।

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