पंजशीर के लड़ाकों ने तालिबान से की संघर्ष विराम की अपील, कहा- हम भी करेंगे कार्रवाई से परहेज
तालिबान के खिलाफ अफगानिस्तान की पंजशीर घाटी में घात लगाए बैठे लड़ाकों ने संघर्ष विराम का आह्वान किया है। उनके नेताओं के एक बयान में यह अपील की है। नेशनल रेसिस्टेंस फ्रंट (एनआरएफ) ने रविवार देर रात कहा, “तालिबान पंजशीर में अपने सैन्य अभियानों को रोक दे और अपनी सेना वापस ले ले। बदले में हम अपने बलों को सैन्य कार्रवाई से परहेज करने का निर्देश देंगे।”
रविवार देर रात एक अलग ट्वीट में, एनआरएफ ने कहा कि प्रवक्ता फहीम दश्ती (एक प्रसिद्ध अफगान पत्रकार) और जनरल अब्दुल वुडोद ज़ारा हाल की लड़ाई में मारे गए हैं।
तालिबान ने रविवार देर रात दावा किया कि उसने लगभग पूरी घाटी पर कब्जा कर लिया है, लेकिन एनआरएफ समर्थकों के सोशल मीडिया अकाउंट्स ने इससे इनकार किया और कहा कि प्रतिरोध लड़ाके पहाड़ी इलाकों में पीछे हट गए हैं।तालिबान ने 15 अगस्त को बिना किसी लड़ाई के राजधानी काबुल पर कब्जा करके पूरे अफगानिस्तान पर आश्चर्यजनक तरीके से कंट्रोल कर लिया। हालांकि, पंजशीर उनके कब्जे से अभी भी दूर है। यहां उन्हें विद्रोहियों के द्वारा टक्कर दी जा रही है। अब तक कई तालिबानी लड़ाके मारे जा चुके हैं।
पंजशीर के लड़ाके पहले सोवियत सेना और 1996-2001 तक तालिबान के पहले शासन के खिलाफ एक दशक तक लड़ते रहे। NRF का नेतृत्व प्रसिद्ध तालिबान विरोधी कमांडर अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद कर रहे हैं। पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह भी इसे समर्थन दे रहे हैं।