विधायक यौन शोषण केस : पीड़िता ने अब CM धामी से की महेश नेगी की DNA जांच की मांग

देहरादून. उत्तराखंड के द्वाराहाट से विधायक महेश नेगी की मुसीबत बढ़ती नज़र आ रही है. भाजपा के विधायक की डीएनए जांच की मांग अब राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तक पहुंच गई है. रेप का आरोप लगाने वाली पीड़िता ने सीएम धामी को पत्र लिखकर कहा है कि विधायक नेगी डीएनए जांच से भाग रहे हैं जबकि पार्टी के कई नेता इस मामले में लगातार कह चुके हैं कि विधायक किसी भी तरह की जांच के लिए तैयार हैं. हाई कोर्ट तक डीएनए जांच की मांग की गुहार लगा चुकी पीड़िता ने मुकदमे में तेज़ी लाने की मांग अब मुख्यमंत्री के सामने रखी है.

‘अब तक चार्जशीट भी नहीं’
विधायक पर आरोप लगाने के साथ ही अपनी शिकायत में पीड़िता ने पुलिस के रवैये को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं. खबरों के मुताबिक सीएम को सौंपी शिकायत और मांग में पीड़िता ने बताया है कि इस मामले में करीब एक साल पहले मुकदमा दर्ज किया जा सका था और करीब 8 महीने पहले ही इसकी जांच श्रीनगर स्थित महिला थाने के पाले में गई. तबसे अब तक महीनों बाद भी पुलिस इस केस में चार्जशीट तक दाखिल नहीं कर सकी है.

पीड़िता ने आरोप लगाया कि विधायक पर आरोप के केस में जान बूझकर लेटलतीफी और लापरवाही की जा रही है. पीड़िता का दावा है कि बयान के मुताबिक पुलिस उसे हर जगह पर लेकर गई, जो घटना से किसी तरह जुड़ी रही. यही नहीं, उन स्थानों पर पीड़िता और विधायक के घटनास्थल पर घटना के वक्त होने की पुष्टि भी हुई, लेकिन पीड़िता का कहना है कि इसके बावजूद जांच अटकी हुई है.

क्या है पूरा मामला?
विधायक नेगी ने पिछले साल अगस्त में जब एक महिला पर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाया, तब जवाब में उस महिला ने दुष्कर्म का आरोप विधायक पर लगाया. कोर्ट के हस्तक्षेप व निर्देश के बाद पुलिस ने सितंबर 2020 में केस दर्ज किया था. इस मामले में पहले नेहरू कॉलोनी थाना चार्जशीट दाखिल कर चुका था लेकिन बाद में यह केस महिला थाने में ट्रांसफर किया गया. शिकायतकर्ता पीड़िता स्थानीय कोर्ट से लेकर हाई कोर्ट तक विधायक के डीएनए टेस्ट की मांग के लिए आवेदन दे चुकी है. इधर, विधायक नेगी की तरफ से इस महिला के खिलाफ 5 करोड़ रुपये का मानहानि दावा भी किया जा चुका है.

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