DCGI ने 5-18 साल के बच्चों पर Corbevax वैक्‍सीन के क्‍लीनिकल ट्रायल की दी मंजूरी

नई दिल्‍ली. ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने हैदराबाद स्थित दवा कंपनी बायोलॉजिकल ई लिमिटेड को कुछ शर्तों के साथ 5 से 18 वर्ष की उम्र के बच्चों पर उसके द्वारा निर्मित स्वदेशी कोविड-19 वैक्‍सीन Corbevax (Covid-19 Vaccine Corbevax) के दूसरे और तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल (Clinical Trial) की मंजूरी दे दी है. समाचार एजेंसी पीटीआई के सूत्रों के मुताबिक बायोलॉजिकल ई लिमिटेड की ‘Corbevax’ वैक्‍सीन का क्लीनिकल ट्रायल देश में 10 स्थानों पर किया जाएगा.

वैक्‍सीन के का दूसरे और तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल का उद्देश्य बच्चों और किशोरों में इसकी सुरक्षा और प्रभाविता के अलावा यह पता लगाना है कि यह कितनी मात्रा में एंटीबॉडी विकसित करता है. DCGI की ओर से टीके के क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति कोविड-19 पर विषय विशेषज्ञ समिति (SEC) की सिफारिशों के आधार पर दी गई है. अब तक DCGI की ओर से देश में विकसित किए गए जाइडस कैडिला के टीके जाइकोव-डी के आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी प्रदान की गई है जोकि देश में 12 से 18 वर्ष की आयु के लोगों के लिए उपलब्ध होने वाला यह पहला कोविड-19 रोधी टीका बन गया है.

इस बीच, भारत बायोटेक की ओर से दो से 18 वर्ष के आयु वर्ग के लिए विकसित किए जा रहे टीके के दूसरे/तीसरे चरण के क्लीनिकल ​​ट्रायल के आंकड़ों पर अभी विचार किया जा रहा है. बता दें कि हैदराबाद स्थित दवा कंपनी बायोलॉजिकल ई लिमिटेड को केंद्र सरकार की ओर से 100 करोड़ रुपये की मदद दी गई है और ये वैक्‍सीन अगले कुछ महीनों में उपलब्‍ध हो सकती है. बता दें कि सरकार ने बायोलॉजिकल ई से 30 करोड़ वैक्‍सीन का करार किया है. ऐसी जानकारी मिली है कि बायोलॉजिकल ई लिमिटेड की ओर से अगस्‍त से दिसंबर के बीच वैक्‍सीन का उत्‍पादन शुरू कर दिया जाएगा. बच्‍चों को जल्‍द से जल्‍द वैक्‍सीन देने के लिए स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने बायोलॉजिकल ई को 1500 करोड़ का भुगतान पहले ही कर दिया है.

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