इतिहास में पहली बार राज्यसभा कर्मी को नियुक्त किया गया सदन का महासचिव, रामाचार्युलू आज पदभार संभाल सकते हैं
नई दिल्ली. राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने मंगलवार को डॉ. पी पी के रामाचार्युलू को राज्यसभा सचिवालय का महासचिव नियुक्त किया. रामाचार्युलू ,देश दीपक वर्मा की जगह लेंगे जो चार साल तक महासचिव रहने के बाद मंगलवार को इस पद से मुक्त हो गये. सचिवालय ने एक बयान में कहा कि डॉ. परसराम पट्टाभि केशव रामाचार्युलू साल 2018 से राज्यसभा सचिवालय में सचिव थे. वह राज्यसभा के करीब 70 साल के इतिहास में सचिवालय के रैंक से इस शीर्ष पद पर पहुंचने वाले पहले अंदरूनी कर्मी हैं.
बयान के अनुसार लोकसभा के महासचिव पद पर नौ ऐसे अंदरूनी कर्मी पहुंच चुके हैं. सन् 1958 में 20 मार्च को जन्मे रामाचार्युलू के पास संसद के कामकाज के विभिन्न पहलुओं को संभालने का करीब 40 साल का अनुभव है. वह लोकसभा में एक साल काम करने के बाद 1983 में राज्यसभा सचिवालय से जुड़े थे. राज्यसभा सचिवालय के सूत्रों ने बताया कि यह नियुक्ति अगले आदेश तक के लिए है. उन्होंने 2017 में आंध्र प्रदेश विधानमंडल के विशेष सचिव के रूप में कार्य किया
अपनी नियुक्ति के कुछ ही घंटों के भीतर, उन्होंने इस अवसर के लिए राज्यसभा के सभापति को धन्यवाद दिया. महासचिव ने कहा- ‘यह एक बड़ी जिम्मेदारी है और मैं अपनी क्षमता के अनुसार सचिवालय की सेवा करने की उम्मीद करता हूं … महासचिव के रूप में सेवा करना विशेष सम्मान है.’
लॉ ग्रेजुएट और पॉलिटिकल साइंस में मास्टर रामाचार्युलू को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय द्वारा ‘भारतीय संसद की समिति प्रणाली और अमेरिकी कांग्रेस: एक तुलनात्मक अध्ययन’ पर उनके काम के लिए साल 2005 में डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी (पीएचडी) से सम्मानित किया गया था. राज्य सभा के सचिव के रूप में, उन्होंने सभापति के कार्यालय से सांसदों से उनकी मातृभाषा में संवाद करने की परंपरा की नींव डाली. डॉ रामाचार्युलु के आज दोपहर कार्यभार संभाल सकते हैं.