अफगानिस्तान छोड़ने को इसलिए मजबूर हैं महिलाएं

तालिबानी शिक्षा मंत्री की पहली बैठक में एक भी महिला नहीं, पहले 50% होती थीं

बैठक में हक्कानी ने कहा कि लड़कियों को पढ़ने की इजाजत होगी, लेकिन क्लासरूम अलग होंगे।

तालिबान के तमाम दावों के बावजूद अफगानिस्तान में महिलाओं के हालात का अंदाजा लगाने के लिए यह तस्वीर ही काफी है। तालिबान के कार्यकारी उच्च शिक्षामंत्री बकी हक्कानी ने यूनिवर्सिटीज के शिक्षकों-प्रशासकों की बैठक ली। इसमें एक भी महिला नहीं आई।

पिछले महीने अफगानिस्तान सरकार ने जब इसी लॉय जिरगा ऑडिटोरियम में बैठक ली थी तो यहां 50% सीटों पर महिलाएं थीं। बैठक में हक्कानी ने कहा कि लड़कियों को पढ़ने की इजाजत होगी, लेकिन क्लासरूम अलग होंगे। वे लड़कों के साथ नहीं पढ़ सकेंगी।

तालिबान का पहला इंटरव्यू लेने वाली पत्रकार ने भी अफगानिस्तान छोड़ा

अफगानिस्तान के न्यूज चैनल टोलो न्यूज की पत्रकार बेहेस्ता अरगहांद देश छोड़कर चली गई हैं। अरगहांद ही वो पहली पत्रकार हैं, जिन्होंने तालिबानी कब्जे के बाद उसके प्रतिनिधि का इंटरव्यू लिया था। दो दिन बाद नोबेल विजेता मलाला यूसफजई का भी इंटरव्यू लिया था। तभी से उन्हें धमकियां मिल रही थीं।

लादेन का सिक्योरिटी चीफ रह चुका अमीन-उल-हक अफगानिस्तान लौटा

अमीन-उल-हक तोराबोरा की पहड़ियों में ओसामा बिन लादेन का सिक्योरिटी चीफ रहा है। लादेन के मारे जाने के बाद भी वह अलकायदा का बड़ा चेहरा बना हुआ है। रविवार को वह नानगरहर प्रांत में दिखा, जहां उसका स्वागत हुआ। वह अब तक कहां था, इसकी कोई पुख्ता जानकारी नहीं है।

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