योगेश कथूनिया ने  निभाया पिता से किया वादा, भारत की झोली में डाला सिल्वर मेडल(Video)

तोक्यो: भारत के योगेश कथूनिया ने सोमवार को यहां पैरालंपिक खेलों में पुरुषों की चक्का फेंक स्पर्धा के एफ56 वर्ग में इस सत्र का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए रजत पदक जीता। आठ साल की उम्र में लकवाग्रस्त होने वाले योगेश ने अपने छठे और अंतिम प्रयास में 44.38 मीटर चक्का फेंककर दूसरा स्थान हासिल किया। टोक्यो रवाना होने से पहले योगेश ने अपने पिता ज्ञानचंद से वादा किया था कि वह पैरालिंपिक गेम्स में पदक जीतकर ही लौटूंगा।

#WATCH | Tokyo: Discus thrower Yogesh Kathuniya got emotional after winning a silver medal in class F56 in paralympics

“I am exalted on winning the silver medal. I want to thank SAI, PCI (Paralympic Committee of India), & especially my mother for their support,” he says pic.twitter.com/OlKhLSxkAC

— ANI (@ANI) August 30, 2021

ब्राजील के बतिस्ता डोस सांतोस ने 45.59 मीटर के साथ स्वर्ण जबकि क्यूबा के लियानार्डो डियाज अलडाना (43.36 मीटर) ने कांस्य पदक जीता। विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता योगेश ने तोक्यो में अपनी स्पर्धा की शुरुआत की। उनका पहला, तीसरा और चौथा प्रयास विफल रहा जबकि दूसरे और पांचवें प्रयास में उन्होंने क्रमश: 42.84 और 43.55 मीटर चक्का फेंका था।

भारत का यह तोक्यो पैरालंपिक खेलों में तीसरा रजत पदक है। रविवार को महिला टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविनाबेन पटेल और ऊंची कूद के एथलीट निषाद कुमार ने रजत पदक जीते लेकिन विनोद कुमार का चक्का फेंक की एफ52 स्पर्धा में कांस्य पदक उनके क्लासीफिकेशन को लेकर विरोध दर्ज होने के कारण रोक दिया गया।

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