संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने तालिबान को लेकर बदला अपना नजरिया! भारत का रुख अब तक स्पष्ट नहीं
इस बयान पर भारत की ओर से भी हस्ताक्षर किए गए थे, लेकिन अब इस बयान से तालिबान का नाम हटा लिया गया है। इस बदलाव का सबसे पहले जिक्र संयुक्त राष्ट्र में भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने किया।
तालिबान ने अफगानिस्तान पर करीब दो हफ्ते पहले कब्जा कर लिया था। देश में उसकी गतिविधियां पूरी तरह शुरू भी नहीं हुई हैं और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने तालिबान को लेकर अपना रुख बदल लिया है। काबुल पर कब्जे के एक दिन बाद 16 अगस्त को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यानी यूएनएससी की ओर से अफगानिस्तान को लेकर एक बयान जारी किया गया था।
यूएनएससी की ओर से जारी इस बयान के मुताबिक, तालिबान से अपील की गई थी कि वो किसी भी देश में आतंकवाद का समर्थन नहीं करे। बता दें कि भारत अगस्त के महीने में सुरक्षा परिषद की पहली बार अध्यक्षता कर रहा है। इस बयान पर भारत की ओर से भी हस्ताक्षर किए गए थे, लेकिन अब इस बयान से तालिबान का नाम हटा लिया गया है।
In Diplomacy…
A Fortnight Is A Long Time…
The ‘T’ Word Is Gone…🤔Compare The Marked Portions Of @UN Security Council Statements Issued On 16 August & On 27 August… Pic.Twitter.Com/BPZTk23oqX
— Syed Akbaruddin (@AkbaruddinIndia) August 28, 2021
इस बदलाव का सबसे पहले जिक्र संयुक्त राष्ट्र में भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने किया। उन्होंने यूएनएससी के बयान की कॉपी को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लिखा कि केवल 15 दिनों में टी शब्द को हटा दिया गया है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से यह पहला संकेत है कि तालिबान को अब वैश्विक स्तर पर बहिष्कार नहीं किया जा सकता। 16 अगस्त को संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने यूएनएससी की ओर से एक बयान जारी किया। इसमें लिखा था कि सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने अफगानिस्तान में मुकाबला करने के महत्व का जिक्र किया है। यह सुनिश्चित किया जाए कि अफगानिस्तान के क्षेत्र का इस्तेमाल किसी देश को धमकी देने या हमला करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। तालिबान और न ही किसी अन्य अफगान समूह या व्यक्ति को किसी अन्य देश के क्षेत्र में सक्रिय आतंकियों का समर्थन करना चाहिए।
वहीं, गत 27 अगस्त को काबुल एयरपोर्ट पर हुए बम विस्फोटों के एक दिन बाद टीएस तिरुमूर्ति ने फिर से यूएनएससी के अध्यक्ष के तौर पर और परिषद की ओर से एक बयान जारी किया गया। इसमें 16 अगस्त को लिखे गए पैराग्रॉफ को फिर से दोहरया गया, लेकिन इसमें एक बदलाव करते हुए तालिबान का नाम हटा दिया गया।
अब इसमें लिखा है कि सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने अफगानिस्तान में आतंकवाद का मुकाबला करने के महत्व को दोहरया, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि अफगानिस्तान के क्षेत्र का इस्तेमाल किसी भी देश को धमकी देने या हमला करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। किसी भी अफगान समूह या व्यक्ति को किसी भी देश के क्षेत्र में सक्रिय आतंकियों का समर्थन नहीं करना चाहिए।