तालिबान ने पंजशीर में दाखिल होने का किया दावा, मसूद समर्थक बोले- सपने देखना करो बंद

इंटरनेशनल डेस्क: अफगानिस्तान में मची अफता-तफरी के बीच तालिबान ने पंजशीर घाटी में घुसने का दावा किया है। तालिबान का कहना है कि उसके लड़ाके पंजशीर घाटी में घुस गए हैं।  हालांकि पंजशीर के शेर कहे जाने वाले अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद के समर्थकों ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि यहां घुसना उनके लिए नामुमकिन है।

अहमद मसूद के समर्थकों ने दावों को किया खारिज 
टोलो न्यूज के मुताबिक  तालिबान ने कहा कि उसकी सेना शनिवार को बिना किसी प्रतिरोध के पंजशीर में दाखिल हो गई है।  इस दौरान विरोधी पक्ष से उनकी कोई लड़ाई नहीं हुई। अहमद मसूद के समर्थकों ने कहा कि पंजशीर में कोई लड़ाई नहीं हुई है। यहां तालिबान के प्रवेश की खबरें बेबुनियाद हैं। रेजिस्टेंस फोर्स के प्रतिनिधि ने साथ ही कहा कि तालिबान सपने कम देखा करे।

पंजशीर ने तालिबान के सामने नहीं डाले हथियार 
दरअसल पंजशीर अफगानिस्तान के 34 प्रांतों में एकमात्र ऐसा प्रांत है जिसने तालिबान के सामने हथियार नहीं डाले हैं। कई तालिबान विरोधी पंजशीर में एकत्र हो गये हैं। पंजशीर में जो इकट्ठा हुए हैं, उनमें अपदस्थ सरकार के उपराष्ट्रपति अमरूल्ला सालेह, जो कार्यवाहक राष्ट्रपति होने का दावा करते हैं, और नार्दन एलायंस मिलिशया के दिवंगत कमांडर के बेटे अहमद मसूद हैं। नार्दन एलायंस ने ही अमेरिका के साथ मिलकर 2001 तालिबान को सत्ता से हटाया था।

1996 से 2001 के बीच  तालिबान पूरे अफगानिस्तान पर नहीं कर पाया था कब्जा
नॉर्दर्न अलायंस की वजह से ही 1996 से 2001 के बीच  तालिबान पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा नहीं कर पाया था।  हालांकि, पंजशीर के लिए इस बार तालिबान का मुकाबला इतना आसान नहीं होगा। क्योंकि तालिबान पहले से ज्यादा ताकतवर बनकर लौटा है और उसने आसपास के सभी इलाकों पर कब्जा जमा लिया है। इतना ही नहीं उसके आतंकियों के पास अफगान सैनिकों द्वारा छोड़े गए आधुनिक हथियार भी हैं। इस सब के बावजूद सालेह के नेतृत्व में तालिबान विरोधी सेनाओं ने आतंकी संगठन के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने काबुल के उत्तरी हिस्से में स्थित परवान प्रांत के चरिकार इलाके से तालिबान को हटा भी दिया है।

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