Delhi: कोरोना के थर्डवेव को लेकर चिंतित सरकार, अस्पतालों में किये जा रहे ये बड़े इंतजाम

नई दिल्ली. दिल्ली में अब हर रोज कोरोना संक्रमण (Coronavirus) के मामले बहुत ही कम रिकॉर्ड किए जा रहे हैं. दिल्ली सरकार (Delhi Government) की ओर से चरणबद्ध तरीके से सब कुछ खोला भी जा रहा है. स्कूलों को भी खोलने पर विचार किया जा रहा है. बावजूद इसके सरकार कोरोना की संभावित तीसरी लहर के आने से पहले उससे निपटने की फुलप्रूप तैयारियां कर रही है. इन तैयारियों के बीच सरकार बच्चों को लेकर भी अस्पतालों में बड़े इंतजाम कर रही है.

द‍िल्‍ली सरकार (Delhi Government) की ओर से संभावित कोरोना की थर्ड वेव (Corona Third Wave) आने से पहले स्‍वास्‍थ्‍य तंत्र को हर स्तर पर मजबूत करने का लगातार प्रयास क‍िया जा रहा है.आम आदमी‌ पार्टी सरकार (AAP Government) अपने अस्पतालों के सिस्टम को उस तरह से तैयार कर रही है जिसमें हर रोज 37,000 तक मरीज आने की संभावना जताई जा रही है. एक्सपर्ट्स की ओर से इस तरह की जताई गई संभावनाओं को गंभीरता से लेते हुए अस्पतालों और सिस्टम को और मजबूत किया जा रहा है.

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन (Satyendar Jain) का भी कहना है कि भले ही सकारात्मकता दर बहुत कम है, लेकिन केजरीवाल सरकार (Kejriwal Government) इसको लेकर ब‍िल्‍कुल भी ढील नहीं बरत रही है. कोव‍िड-19 समर्प‍ित 37,000 बेड्स तैयार क‍िये जा रहे हैं ज‍िनमें 12,000 आईसीयू बेड्स भी तैयार क‍िये जा रहे हैं.

इन सभी तैयारियों के बीच द‍िल्‍ली सरकार (Delhi Government) ने संत न‍िरंकारी मैदान (Sant Nirankari Ground COVID) में बनाये गये 800 बेड्स के कोव‍िड केयर सेंटर (COVID Care Centre) को अपग्रेड करने का काम भी क‍िया है. यहां पर 300 बेड्स को आईसीयू बेड्स (ICU Beds) के रूप में अपग्रेड क‍िया गया है.

आईसीयू के साथ पाइप के जरिए ऑक्सीजन की भी सुविधा उपलब्ध कराई गई है. इससे मरीजों को और ज्‍यादा बेहतर च‍िक‍ित्‍सा सुव‍िधा म‍िल सकेगी. सत न‍िरंकारी मैदान CCC में आईसीयू और टेली मेड‍िस‍िन की सुव‍िधा भी शुरू की गई है.

बताया यह जाता है कि सत न‍िरंकारी मैदान कोव‍िड केयर सेंटर द‍िल्‍ली का इकलौता ऐसा सीसीसी है जहां पर सबसे ज्‍यादा कोव‍िड मरीजों का र‍िकवरी रेट भी र‍िकार्ड क‍िया गया है. इस सेंटर में ब्र‍िटिश एसोस‍िएशन फॉर फ‍िजिशियंस ऑफ इंडियन ओर‍िजन (BAPIO)के 750 से ज्‍यादा फ‍िज‍िशियन अपने सेवाएं दे रहे हैं. सरकार आने वाले समय में इसका बड़े स्तर पर उपयोग करने की तैयारी कर रही है.

इसके अलावा सरकार ने कोरोना की संभाव‍ित तीसरी लहर (Third Wave) से राजधानीवास‍ियों को बचाने की द‍िशा में राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल (Rajiv Gandhi Super Speciality Hospital) में पहले ‘कोविड-19 रैपिड रिस्पांस सेंटर’ की शुरूआत भी की है.

दिल्ली सरकार का RGSSH एक ऐसा अस्पताल है जिसको पहली और दूसरी कोरोना वेव के दौरान भी कोविड-19 (Covid-19) डेडिकेटेड हॉस्पिटल घोषित किया गया था. वहीं, कोरोना की दूसरी वेव के दौरान अस्पतालों में मरीज के भर्ती नहीं होने की वजह से हुईं मौतों को सरकार ने गंभीरता से लेते हुए RGSSH रेस्पॉन्स सेंटर खोलने जैसी शुरुआत भी की है.

इस तरह के सेंटर को 24 घंटे रैपिड रिस्पांस टीम संभालेगी, ताकि मरीजों को इलाज के लिए इंतजार न करना पड़े. यह केंद्र आईसीयू (ICU) और वेंटिलेटर से लैस है, ताकि कोविड-19 के आपातकालीन मामलों में मरीज को भर्ती होने के लिए इंतजार न करना पड़े और तत्काल इलाज देकर उनके बहुमूल्य जीवन को बचाया जा सके.

इसके अतिरिक्त दिल्ली सरकार जच्चा-बच्चा को लेकर भी काफी अलर्ट है. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) की ओर से गठित एक पैनल की ओर से हाल ही में केंद्र सरकार (Central Government) को एक रिपोर्ट सौंपी गई है. इसमें अक्टूबर के मध्य में कोरोना थर्डवेव (Corona Third Wave) के आने एवं बच्चों के ऊपर इसका बड़ा असर पड़ने की संभावना जताई गई है.

LNJP में बन रहा है जच्चा-बच्चा कोविड-19 वार्ड
इन सभी संभावनाओं के चलते दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने बच्चों के लिए भी विशेष इंतजाम करने की तैयारी की है. एलएनजेपी अस्पताल (LNJP Hospital में एक नए जच्चा-बच्चा कोविड-19 वार्ड का निर्माण कार्य भी किया जा रहा है जिसमें 100 से ज्यादा ऑक्सीजन बेड का इंतजाम होगा. इसका निर्माण कार्य 15 अक्टूबर तक पूरा करने की प्रबल संभावना है.

नया ‘जच्चा-बच्चा’ वार्ड ऑक्सीजन बेड, वेंटिलेटर, आईसीयू जैसी सभी चिकित्सा सुविधाओं से लैस होगा.सभी सरकारी अस्पतालों में बच्चों के उपचार की क्षमता को भी बढ़ाया जा रहा है, क्योंकि बच्चों का टीकाकरण अभी उपलब्ध नहीं है.

COVID-19 के खिलाफ तैयारियों के मद्देनजर केजरीवाल सरकार ने मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को कोविड-19 के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं के उत्पादन को बढ़ाने का निर्देश भी दिया है. साथ ही ये भी कहा हैं कि किसी भी कंपनी को दवा के लिए अतिरिक्त राशि लेने का कोई अधिकार नही है.

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