मुसीबत में अटकी जान:

धमाकों से दहले काबुल में 20 भारतीय और 140 अफगानी सिख-हिन्दू अब भी फंसे

अफगानिस्तान में तेजी से बिगड़ते हालातों के बीच अब भी कम से कम 20 भारतीय नागरिक देश में तालिबान के कब्जे में हैं। सूत्रों के हवाले से ये जानकारी मिली है।  माना जा रहा है कि लगभग 140 अफगान सिख और हिंदू भी फंसे हुए हैं, जिन्हें निकलने का इंतजार है।

20 भारतीय नागरिक उन लोगों में से हैं जो निकासी के लिए भारत सरकार से मदद मांग रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि कुछ और भी हो सकते हैं जिनकी ओर से कॉन्टेक्ट अभी बाकी है और कुछ अन्य जो भारत नहीं लौटना चाहते हैं। भारत ने 15 अगस्त से अब तक अफगानिस्तान से 800 से अधिक लोगों को निकाला है। इनमें से अधिकांश भारतीय नागरिक और अफगान सिख और हिंदू समुदाय के सदस्य हैं। 180 लोगों के जत्थे को गुरुवार को सैन्य विमान से काबुल से दिल्ली लाया गया।

इससे पहले, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक विशेष बैठक के दौरान राजनीतिक दलों के नेताओं को सूचित किया था कि अफगानिस्तान से भारतीयों को निकालने के प्रयास जोरों पर हैं और सरकार अधिक से अधिक लोगों को निकालने की कोशिश कर रही है।

इस बीच, गुरुवार को काबुल हवाईअड्डे पर हुए दोहरे विस्फोटों में कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई और 120 से अधिक लोग घायल हो गए। हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के ठीक बाहर एक के बाद एक धमाकों के बीच हजारों अफगानों ने परिसर में घुस गए और तालिबान से बचने के लिए सभी प्रवेश द्वारों पर भीड़ जमा कर दी। संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम सहित कई देशों द्वारा आतंकी हमले की चेतावनी जारी किए जाने के बाद ये विस्फोट हुए थे।

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