हिमाचल में अडाणी की कपंनी ने कम किए सेब खरीद के दाम, बागवानों में नाराजगी

शिमला. हिमाचल प्रदेश में मौजूदा समय में सीजन शुरू हुआ है. ऐसे में मंडियों में सेब लाया जा रहा है, लेकिन दाम कम मिलने से बागवान नाखुश हैं.  कारोबारी अडाणी की कंपनी ने सेबों की कीमत में कमी की है और इससे बागवान नाराज हैं. सेब खरीद करने वाली अडानी की कंपनी ने इस साल 10 साल पुराने रेट खोले हैं. 2011 में अडानी ने 65 रुपये प्रति किलो रेट पर सेब खरीद की थी. इस साल भी कंपनी करीब इसी रेट पर सेब खरीद कर रही है.

क्या रेट तय किया है?

बीते साल के मुकाबले इस बार प्रतिकिलो के हिसाब से 16 रुपये कम रेट तय किए गए हैं. कंपनी 26 अगस्त से सेब खरीद शुरू कर देगी. कंपनी ने मंगलवार को सेब खरीद मूल्य सार्वजनिक कर दिए थे. 80 से 100 फीसदी रंग वाला एक्स्ट्रा लार्ज सेब 52 रुपये प्रति किलो, जबकि लार्ज, मीडियम और स्मॉल सेब 72 रुपये प्रति किलो की दर पर खरीदेगी. इस साल प्रदेश में करीब साढ़े चार करोड़ पेटी सेब उत्पादन का अनुमान है. करीब 3 करोड़ पेटी सेब अभी मंडियों में जाना बाकी है. सरकार की ओर से भी कोई राहत न मिलने से बागवान निराश हैं.ओलावृष्टि और बेमौसम बर्फबारी के कारण इस साल फसल बुरी तरह प्रभावित हुई है. बीते साल एक्स्ट्रा लार्ज सेब 68 जबकि लार्ज, मीडियम और स्मॉल सेब 88 रुपये प्रति किलो निर्धारित किया गया था. मंडियों के बाद अदानी के रेट भी कम होने से बागवान असंतुष्ट हैं. अदानी कंपनी के लिए बागवानों को अपना सेब क्रेटों में अदानी के कलेक्शन सेंटर तक लाना होगा. कंपनी ने 26 से 29 अगस्त तक के लिए यह रेट जारी किए हैं. 29 अगस्त के बाद रेट में बदलाव हो सकता है. शिमला के ठियोग के सैंज, रोहड़ू के मेहंदली और रामपुर के बिथल में अदानी के कलेक्शन सेंटर हैं.

सेब के गिरते दामों पर भड़की कांग्रेस

हिमाचल में सेब सीजन जोरों पर है लेकिन बागवान दाम सही मिलने को लेकर परेशान है. इस मुद्दे पर कांग्रेस ने सरकार को जमकर घेरा. मंगलवार को शिमला में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप राठौर सेब के गिरते दामों पर भड़क गए. कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर पर इतना भड़के कि उन्हें नालायक तक कह डाला और उन्हें पद से हटाने की मांग की. बागवानी मंत्री चुनावों को लेकर दौरा कर रहे हैं, लेकिन बागवानों से मिलने का उनके पास समय नहीं है और न ही उनकी सुध ली है. कुलदीप राठौर ने कहा कि बागवानी मंत्री नालायक हैं और उन्हे हर सिर्फ पैसा ही दिखता है. राठौर ने कहा कि सरकार की मिलीभगत से सेब के दाम गिराए गए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि लदानी,अदानी को सरकार का पूरा सरंक्षण है और पूरे मामले की जांच की मांग की. साथ ही गिरते दामों को लेकर सरकार से हस्तक्षेप की मांग की. उन्होंने कहा कि आज एक पेटी की लागत 450 से 500 रुपए के बीच पड़ रही है जबकि वह मार्किट में 600 रुपए के आसपास बिक रही है, सरकार प्रदेश में  1984 से कृषि उपकरणों के साथ साथ कीट नाशको,फफूंद नाशक व अन्य दवाओं पर सब्सिडी,अनुदान देती थी पर अब दुर्भाग्यवश भाजपा सरकार ने इन सब पर रोक लगा दी है. बागवानी मंत्री 1135 करोड़ के बागवानी प्रोजेक्ट पर कुंडली मारकर बैठे हुए हैं, बागवानों से जो अन्याय किया है लोग उसका चुनावों में पूरा बदला देंगे.

विपक्ष के आरोपों पर सीएम ने कुछ नहीं कहा लेकिन इतना जरूर कहा कि सेब लगातार गिर रहे दामों से न केवल बागवान परेशान है, बल्कि सरकार की चिंतित है. मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि मार्किट में एकाएक गिरावट आई है. उन्होंने कहा कि कुछ समय तक बागवान अपने सेब मार्किट में न भेजें तो कुछ राहत मिल सकती है. सीएम ने कहा कि उम्मीद है कुछ समय समय बाद मार्केट की स्थिती में सुधार होगा. उन्होंने कहा सेब को स्टोर करने के लिए कोल्ड स्टोर करने वाली कंपनियों से बात की जाएगी, उनसे स्टोर में सेब रखने की कीमत को कम करने को लेकर बातचीत की जाएगी. एमएसपी के मुद्दे पर सीएम ने कहा कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति फिलहाल सही नहीं है, फिलहाल इसकी गुंजाइश नहीं है.

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