दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना मामले,सुप्रीम कोर्ट ने HC को दिए ये निर्देश
नई दिल्ली. राकेश अस्थाना (Rakesh Asthana) की दिल्ली पुलिस कमिश्नर के तौर पर नियुक्ति के खिलाफ याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) को दो हफ्ते में मामले का फैसला करने को कहा है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने एनजीओ सीपीआईएल को हाईकोर्ट जाने की स्वतंत्रता दी. वहीं, प्रशांत भूषण ने इस पर कहा कि ये सुप्रीम कोर्ट के प्रकाश सिंह फैसले के खिलाफ है. अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले की दो हफ्ते बाद सुनवाई करेगा. हालांकि शुरुआत में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) इस मामले की सुनवाई के लिए इच्छुक नहीं थे.
वहीं, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने भी प्रशांत भूषण को कहा कि आप सही हो सकते हैं, लेकिन हाईकोर्ट को मामले की सुनवाई करने दें. हमें हाईकोर्ट के फैसले का फायदा मिलेगा. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई एनवी रमना, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच में सुनवाई हुई.
जानें पूरा मामला
बता दें कि गुजरात कैडर के साल 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी अस्थाना को 27 जुलाई 2021 को दिल्ली पुलिस के कमिश्नर तौर पर नियुक्त किया गया था. जबकि वह 31 जुलाई 2021 को रिटायर होने वाले थे, लेकिन उनकी सेवानिवृत्ति से चार दिन पहले उन्हें दिल्ली पुलिस कमिश्नर बनाया गया. दिल्ली में पुलिस प्रमुख के तौर पर राकेश अस्थाना का कार्यकाल एक साल का होगा. प्रशांत भूषण ने अपनी याचिका में कोर्ट से उनकी सेवा अवधि बढ़ाने के केंद्र के आदेश को रद्द करने की मांग की है. इसके अलावा प्रशांत भूषण ने अपनी याचिका में राकेश अस्थाना के कार्यकाल के विस्तार के साथ-साथ दिल्ली पुलिस प्रमुख के तौर पर नियुक्ति को भी अवैध बताया है. उन्होंने याचिका में कहा है कि रिटारमेंट से 4 दिन पहले राकेश अस्थाना को दिल्ली पुलिस कमिश्नर नियुक्त करना अवैध है, क्योंकि उनकी नियुक्ति के समय उनके पास अनिवार्य छह महीने की सेवा का शेष कार्यकाल नहीं बचा हुआ था, उन्हें 4 दिन के अंदर ही 31 जुलाई 2021 को सेवानिवृत्त होना था.