स्थानीय लोगों ने नहीं उठाई आतंकवाद के खिलाफ आवाज, तालिबान के कब्जे पर बोली अफगान की पूर्व मेयर
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद हजारों की संख्या में लोग हर रोज देश छोड़ने को मजबूर हैं। तालिबान के आने के बाद अफगान सरकार में काम करने वाले लोगों को डर है कि तालिबान उन्हें मार डालेगा। ऐसे ही अफगानिस्तान की पहली महिला मेयर जरीफा गफारी हाल ही में अपना देश छोड़कर जर्मनी चली गई थीं। गफारी ने तालिबान के कब्जे के लिए अपने देश के लोगों की जिम्मेदार ठहराया। जरीफा गफारी ने कहा है कि स्थानीय लोगों, राजनेताओं, बच्चे देश की मौजूदा हालत के लिए जिम्मेदार हैं।
गफारी ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, “आज अफगानिस्तान जो कुछ भी झेल रहा है, उसके लिए स्थानीय लोगों, राजनेताओं, बच्चों और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय सहित सभी को दोषी ठहराया जाना चाहिए। स्थानीय लोगों ने आतंकवाद सहित सभी गलत के खिलाफ एकजुट होकर आवाज नहीं उठाई।”
26 वर्षीय गफारी ने कहा कि वह अब अफगानिस्तान में संकट की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए विभिन्न देशों के बड़े पदों के अधिकारियों, राजनेताओं और महिलाओं से मिलने पर विचार कर रही हैं। वो कहती हैं, “मेरा उद्देश्य विभिन्न देशों के उच्च पदस्थ अधिकारियों, राजनेताओं और महिलाओं से मिलना है ताकि उन्हें अफगानिस्तान की वास्तविक स्थिति से अवगत कराया जा सके और उन्हें एक आंदोलन शुरू करने के लिए मेरे साथ शामिल होने के लिए कहा जा सके।”
गफारी अफगानिस्तान के काबुल के पश्चिम में स्थित मैदान शहर की पहली महिला मेयर थीं। वह उन लोगों में शामिल हैं जो तालिबान के कब्जे के बाद युद्धग्रस्त अफगानिस्तान से भाग गए थे। गफारी ने कहा कि तालिबान लड़ाकों के पास ऐसे लोगों की सूची है जिन्होंने उदार रुख अपनाया और अब वह एक-एक करके उन लोगों को मार रहे थे। गफारी ने दावा किया कि विद्रोही उनके घर भी गए और उनके सुरक्षा गार्डों के साथ मारपीट की।
उन्होंने एएनआई को बताया, “तालिबानी मेरे घर गए थे, वे मुझसे पूछ रहे थे, और उन्होंने मेरी कार पकड़ ली, उन्होंने मेरे गार्ड को पीटा। वे सभी मुझे ढूंढ रहे थे।” तालिबान ने अमेरिकी सेना की वापसी के मद्देनजर अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया। उनका आक्रमण, मई में शुरू हुआ, काबुल पर कब्जा करने के साथ समाप्त हुआ।