सेना को मिला नए हैंड ग्रेनेड, पहली बार निजी भारतीय कंपनी ने बनाया हथगोला
नई दिल्ली. भारतीय सेना (Indian Army) को नए हैंड ग्रेनेड (Hand Grenade) सौंपे गए हैं. पहली बार नागपुर स्थित रक्षा निर्माण कंपनी इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड (ईईएल) ने मंगलवार को पूरी तरह से स्वदेशी रूप से निर्मित मल्टीमोड हैंड ग्रेनेड (एमएमएचजी) का पहला बैच भारतीय सेना को सौंप दिया है. ईईएल के अध्यक्ष एसएन नुवाल ने नागपुर (Nagpur) के पास कंपनी के 2,000 एकड़ में फैले प्लांट में आयोजित एक समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को प्रतीकात्मक रूप से ग्रेनेड का प्रजेंटेशन दिया गया. ये नए हैंड ग्रेनेड प्रथम विश्व युद्ध के पुराने डिजाइन के ग्रेनेड नंबर 36 की जगह लेंगे, जो अब तक सेवा में थे.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस दौरान सभा को संबोधित भी किया. उन्होंने एमएमएचजी को सेना को सौंपने को सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बीच बढ़ते सहयोग और रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम बताया.
राजनाथ सिंह ने कहा, ‘भारतीय रक्षा क्षेत्र में आज का दिन स्मरणीय है. अब हमारी निजी क्षेत्र की कंपनियां भी रक्षा उत्पादों का निर्माण करने में सक्षम हैं. यह सिर्फ रक्षा क्षेत्र के उत्पादन के लिए ही नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रहे आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए भी मील का पत्थर है.’
रक्षा मंत्री ने कोविड-19 प्रतिबंधों के बीच ऑर्डर की जल्द डिलीवरी के लिए डीआरडीओ और ईईएल की सराहना की और अगले लॉट की तेजी से डिलीवरी का आग्रह भी किया. यह भारत में निजी क्षेत्र द्वारा निर्मित किए जा रहे गोलाबारूद का पहला उदाहरण है.
सोलर इंडस्ट्रीज इंडिया लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी ईईएल ने पिछले महीने सशस्त्र बलों को आधुनिक हैंड ग्रेनेड की डिलीवरी शुरू कर दी है. अब तक 1 लाख एमएमएचजी की पहली खेप पहुंचाई जा चुकी है. इस अवसर पर थल सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे, डीआरडीओ के अध्यक्ष जी सतीश रेड्डी और इन्फैंट्री के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल एके सामंतरा उपस्थित थे.ईईएल ने भारतीय सेना और भारतीय वायुसेना को 10 लाख आधुनिक हैंड ग्रेनेड की आपूर्ति के लिए 1 अक्टूबर, 2020 को रक्षा मंत्रालय के साथ एक करार पर हस्ताक्षर किए थे. यह डिलीवरी दो साल में की जानी है.