जानिए कैसे मां दुर्गा से जुड़ा है अफगानिस्तान से भारतीयों को सुरक्षित निकालने का अभियान
नई दिल्ली. अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) का कब्जा होने के बाद से ही भारत सरकार (Indian Government) वहां से भारतीयों के सुरक्षित निकाल रही है. सरकार लगातार इसके लिए अभियान चला रही है. मंगलवार तक अफगानिस्तान से 800 से अधिक लोगों को भारत लाया जा चुका है. लेकिन कुछ ही लोग जानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व में जारी इस अभियान को ‘ऑपरेशन देवी शक्ति’ (Operation Devi Shakti) नाम दिया गया है. इस अभियान का नाम ये क्यों रखा गया, इस बारे में कुछ जानकार लोगों ने बताया है.
इस संबंध में जानकारी रखने वाले लोगों का कहना है कि इस नाम को इसलिए चुना गया है क्योंकि अफगानिस्तान में हो रही हिंसा से मासूम भारतीयों को बचाकर स्वदेश लाना है, जैसे मां दुर्गा मासूम लोगों को राक्षसों से बचाती थीं. यह भी बता दें कि पीएम मोदी भी मां दुर्गा के बड़े भक्त हैं. वह नवरात्रों में पूरे नौ दिन व्रत रहते हैं. इस दौरान वह सिर्फ गुनगुना पानी पीते हैं.हाल ही में सीसीएस की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने अफसरों को निर्देश दिया था कि अफगानिस्तान से लोगों के बचाव अभियान को सिर्फ मानवीय नजरिए से देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि न केवल हिंदुओं और सिखों जैसे अल्पसंख्यकों को विभिन्न उड़ानों से अफगानिस्तान से वापस लाया गया है, बल्कि कई अफगान नागरिकों ने भी संकट की इस घड़ी में भारत आने का विकल्प चुना है.
तालिबान से घिरे काबुल से ताजिक शहर में निकाले जाने के एक दिन बाद भारत मंगलवार को 78 लोगों, जिनमें 25 भारतीय और कई अफगान सिखों और हिंदू शामिल हैं, को दुशांबे से वापस लाया है. सिख धर्म ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब की तीन प्रतियों के साथ समूह को सोमवार को भारतीय वायुसेना के एक सैन्य परिवहन विमान द्वारा काबुल से दुशांबे ले जाया गया था. 16 अगस्त से 24 अगस्त तक अफगानिस्तान से दिल्ली वापस लाए गए लोगों की संख्या 800 से अधिक हो गई है. 15 अगस्त को तालिबान ने काबुल पर कब्जा किया था, इसके बाद 16 अगस्त को भारत ने वहां से भारतीयों को निकालने का अभियान शुरू किया था. केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और वी मुरलीधरन ने दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लोगों का स्वागत किया था.
हरदीप सिंह पुरी ने ट्वीट किया था, ‘थोड़ी देर पहले काबुल से दिल्ली के लिए श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के तीन पवित्र स्वरूप को प्राप्त करने और उन्हें श्रद्धा अर्पित करने का सौभाग्य मिला.’