भूपेश-टीएस के लिए खास है आज का दिन, दिल्ली पर टिकीं छत्तीसगढ़ की निगाहें
रायपुर. छत्तीसगढ़ सरकार और कांग्रेस (Congress) संगठन के लिए मंगलवार का दिन बेहद ही खास होने वाला है. सभी की निगाहें दिल्ली पर टिकी हैं कि देश की राजधानी में आखिरकार क्या फैसला होता है. दिल्ली के फैसले से ही छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार का भविष्य तय होगा. छत्तीसगढ़ सरकार में बीते कई दिनों से चली आ रही आंतरिक हलचल का मंगलवार को समाधान होने की उम्मीद है. दरअसल, दिल्ली में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के साथ छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया की अगुवाई में आलाकमान के साथ बैठक होनी है.
वैसे तो बैठक के एजेंडे में यूपी चुनाव में छत्तीसगढ़ की भागीदारी, छत्तीसगढ़ कांग्रेस का विस्तार, निगम मंडल की लंबित सूची आदि शामिल हैं. इन सबसे ज्यादा ध्यान ढाई-ढाई साल के अघोषित फॉर्मूले को अमल में लाने के लिए होने वाले निर्णय पर लगा हुआ है. बताया जा रहा है कि मंगलवार को दिल्ली में दोनों ही नेताओं की न केवल कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल से बल्कि राहुल गांधी से भी मुलाकात होगी. दोनों ही नेताओं से मुलाकातों के बाद तय होगा कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार की आगामी रणनीति क्या होगी? किसे जिम्मेदारी मिलेगी और किसे सांत्वना? किसका कद बढ़ेगा और किसके पर कतरे जाएंगे?
छत्तीसगढ़ में क्या और कैसा होना है?
कयास लगाया जा रहा है कि आलाकमान सारे गुणा गणित सुनने और जागने के बाद निर्णय लेगा कि आगे छत्तीसगढ़ में क्या और कैसा हो होना है. आज निर्णय इस बात का भी होगा कि छत्तीसगढ़ में आगामी दिनों सरकार की आंतरिक की स्थिरता बनी रहेगी या फिर से एक बार कयासों का दौर चलता रहेगा.
दोपहर 12 बजे से शुरू होगा बैठकों का दौर
आलाकमान से बैठक करने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री दिल्ली पहुंच चुके हैं, प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया की अगुवाई में दोपहर 12:00 बजे से सबसे पहले एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल से चर्चा होगी, केसी वेणुगोपाल के साथ होने वाली बैठक में निर्णय तक पहुंचने की हर संभव कोशिश की जाएगी, मगर कहीं निर्णय नहीं हुआ या फिर बैठक और अनिर्णय की स्थिति में रही तो जरूरत पड़ने पर दोपहर के बाद राहुल गांधी से भी दोनों नेताओं की मुलाकात होगी और तब अंतिम निर्णय राहुल गांधी ही करेंगे.
फैसला एक असर अनेक
दिल्ली में आज होने वाली बैठक में वैसे तो एक ही निर्णय होने वाला है मगर इसका असर अलग-अलग स्थानों पर दिखाई देगा, इतना ही नहीं दिल्ली के निर्णय का असर छत्तीसगढ़ में व्यापक रूप से भी पड़ने की संभावना जताई जा रही है, कहा जा रहा है कि अगर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पक्ष में निर्णय आता है तो छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े संभाग में शामिल सरगुजा पर इसका विपरीत असर पड़ेगा जो कांग्रेस की सेहत के लिए आगामी दिनों में हानिकारक साबित हो सकता है.वहीं अगर टीएस सिंहदेव के पक्ष में फैसला आता है तो फिर दुर्ग संभाग सहित रायपुर बस्तर संभाग पर भी इसका आंशिक असर दिखाई देगा जो कांग्रेस के लिए आगामी दिनों में बेहद ही नुकसानदायक हो सकता है, कयास लगाया जा रहा है कि अगर जो जैसा है वैसा ही रहेगा की स्थिति बनती है तो फिर नेता व्यक्तिगत तौर पर अपना निर्णय लेंगे.
51 बनाम 1.5 की लड़ाई
दिल्ली की बैठक में इस अनुपात पर भी चर्चा होगी कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जो ओबीसी वर्ग से आते हैं, जिनकी जनसंख्या छत्तीसगढ़ में अनुमानित 51 फ़ीसदी है ऐसे में अगर इनके पक्ष में निर्णय नहीं आएगा तो यह बेहद ही नुकसानदायक साबित हो सकता है और कहा यह भी जा रहा है कि टीएस सिंहदेव जो 1.5 फीसदी जनसंख्या वालों का प्रतिनिधित्व करते हैं उनके पक्ष में फैसला नहीं आया तो संख्या के अनुसार ज्यादा असर तो नहीं पड़ेगा मगर इस निर्णय से कांग्रेस को व्यक्तिगत तौर पर बड़ा झटका लग सकता है जो कांग्रेस के आगामी दशा और दिशा को तय करने में महत्वपूर्ण साबित होगा.
सोमवार की रात दिल्ली रवाना होने से पहले एयरपोर्ट पर सीएम भूपेश बघेल ने कहा की वे बहुत दिनों बाद दिल्ली जाना हो रहा है, कोरोना काल के बाद पहली बार जा रहा हूँ, बीच में सोनिया गांधी के प्रतिनिधि के रूप में हिमाचल जाना हुआ था. उस दौरान प्रियंका गांधी जी से मुलाकात हुई थी, अभी राहुल गांधी जी के साथ बैठक है. केसी वेणु गोपाल और प्रदेश प्रभारी पपीएल पुनिया के साथ भी बैठक होगी. वहीं पत्रकारों द्वारा टीएस सिंहदेव के भी बैठक में शामिल होने के सवाल पर कहा था कि मुझे केवल राहुल गांधी के साथ बैठक की सूचना मिली है.