क्यों कोरोना के मरीजों को हो रही है टीबी

कोविड-19 से रिकवर होने के दो महीने बाद डिटेक्ट हो रहा TB; जानिए रिकवर होने के कुछ हफ्ते बाद TB टेस्ट कराना क्यों जरूरी

कोविड-19 इन्फेक्शन और ट्यूबरकुलोसिस (TB) बहुत कुछ हद तक एक-से हैं। दोनों इन्फेक्शियस हैं। सांस से जुड़ी बीमारियां हैं जो फेफड़ों को नुकसान पहुंचाती हैं। कोविड-19 से रिकवर हो चुके लोगों में कई तरह की समस्याएं सामने आ रही हैं। नई रिसर्च और जानकारी बताती है कि TB के मरीज भी बढ़ रहे हैं।

कर्नाटक में ऐसे 24 मरीजों की पहचान की गई है, जिन्हें कोविड-19 हुआ था और रिकवरी के बाद TB का इन्फेक्शन मिला है। कर्नाटक देश का पहला राज्य है जहां कोविड-19 से रिकवर हुए 28 लाख लोगों का डोर-टु-डोर सर्वे कर TB टेस्ट किया जा रहा है।

यह मामला सिर्फ कर्नाटक का नहीं है, बल्कि देशभर में कोविड-19 से रिकवर हुए लोगों में TB होने के केस सामने आ रहे हैं। विशेषज्ञ कह रहे हैं कि इनकी संख्या 10%-15% हो सकती है।

हमने मुंबई की डॉ. माला कानेरिया और अहमदाबाद के डॉ. मितेश दवे से जाना कि कोविड-19 और TB का आपस में क्या संबंध है? कर्नाटक में जो हुआ, उसके मायने क्या हैं?

कर्नाटक में क्या हुआ है? क्या वाकई में देश में TB के नए केस बढ़े हैं?

कर्नाटक के हेल्थ मिनिस्टर डॉ. के सुधाकर ने गुरुवार को बताया कि राज्य में कोविड-19 से रिकवर हुए लोगों की जांच की गई तो TB के 24 पॉजिटिव केस मिले हैं। एहतियात के तौर पर सरकार ने पूरे राज्य में रिकवर हुए मरीजों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी है।विधानसभा में डॉ. सुधाकर ने बताया कि कोरोना और TB दोनों ही फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं। TB का पता जल्दी लगाने के लिए स्क्रीनिंग कैम्पेन शुरू किया है। इससे मरीजों में TB का पता जल्दी लगेगा और ट्रीटमेंट जल्दी हो सकेगा।ये मरीज दो महीने पहले कोविड-19 से रिकवर हुए थे। पिछले 15 दिन में ही उनमें TB डिटेक्ट हुआ है। राज्य में चल रहे कैम्पेन में 80 लाख लोगों की स्क्रीनिंग की जाएगी। इनमें 28 लाख लोग कोविड-19 से रिकवर हुए हैं और बाकी उनके परिजन हैं। केरल ने भी ऐसा ही सर्वे किया है, पर वह टेलीफोनिक था, डोर-टु-डोर नहीं।जहां तक देश में TB के नए केसेस की बात है, इससे जुड़ी जानकारी हेल्थ मिनिस्ट्री ने लोकसभा में मानसून सत्र के दौरान दी है। इसके मुताबिक जनवरी से दिसंबर तक 2020 में 18 लाख TB केस रिपोर्ट हुए हैं, जो 2019 में मिले 24 लाख के मुकाबले 25% कम हैं।

क्या TB और कोविड-19 का कोई कनेक्शन है?

हां। कोविड-19 की वजह से इम्यूनिटी कमजोर होती है और इस वजह से TB होने का खतरा बढ़ जाता है। नारायणा मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में कंसल्टेंट, पल्मोनोलॉजी, डॉ. दवे का कहना है कि कोविड-19 के गंभीर लक्षणों का इलाज करने में स्टेरॉयड्स और कुछ अन्य दवाओं का इस्तेमाल किया गया, जो लॉन्ग टर्म में इम्यूनिटी कमजोर कर सकते हैं। इस वजह से कह सकते हैं कि कोविड-19 से रिकवरी के बाद TB इन्फेक्शन मिल सकता है। यह सबके साथ होगा या नहीं, यह मरीज की इम्यूनिटी पर निर्भर करेगा।जसलोक हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में कंसल्टेंट, इन्फेक्शियस डिजीज डिपार्टमेंट, डॉ. कानेरिया इसके तीन कारण गिनाती हैं। 1. कोविड-19 और इलाज में स्टेरॉयड्स से इम्यूनिटी कमजोर होना। 2. कोविड-19 के लक्षणों से फेफड़ों को होने वाला नुकसान। 3. हो सकता है कि कोविड-19 के डर से मरीज ने सही समय पर टेस्ट न कराए हों और अब यह केस सामने आ रहे हैं।

क्या TB और कोविड-19 को लेकर कोई स्टडी हुई है?

हां। बड़े स्तर पर स्टडीज चल भी रही हैं। इनके नतीजों का इंतजार है। साइंस एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री ने बुधवार को बताया कि ब्राजील, रूस, भारत और दक्षिण अफ्रीका के रिसर्चर्स मिलकर कोविड-19 के TB पर असर की स्टडी कर रहे हैं। ये चारों ही देश उन 24 देशों में आते हैं, जहां दुनियाभर में TB के सबसे अधिक केस हैं। इस दौरान यह भी देखा जाएगा कि दोनों का आपस में क्या संंबंध है।डॉ. कानेरिया का कहना है कि दोनों इन्फेक्शन को लेकर काफी कम स्टडी हुई है। दोनों का आपसी संबंध साबित करने के लिए बड़े स्तर पर डेटा की जरूरत होगी। वहीं, डॉ. दवे ने कहा कि कई स्टडी चल रही हैं, जिसमें कोविड-19 से रिकवरी के बाद होने वाले प्रभावों का पता लगाया जा रहा है। इसमें ही TB से जुड़े केस भी शामिल हैं। हम आने वाले महीनों में इनके नतीजे देख सकेंगे।

क्या कोरोना के गंभीर लक्षणों वाले मरीजों में TB की पुष्टि हुई है?

नहीं। इस संबंध में कुछ भी साबित करने के लिए डेटा नहीं है। डॉ. दवे का कहना है कि मेरे पास TB के कई केस आए हैं जो कोरोना से रिकवर हो चुके थे। मैं कह सकता हूं कि TB के 10%-15% केसेस में कोविड-19 से रिकवरी के बाद ये लक्षण सामने आए हैं।डॉ. कानेरिया का कहना है कि कोविड-19 भी एक रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन है। रिकवरी के 4-6 हफ्ते बाद भी सांस लेने में दिक्कत बनी रहती है। इसे कुछ समय पहले तक हम लॉन्ग कोविड कह रहे थे। मेरे सामने तो कई केस ऐसे भी आए हैं, जिनमें कोविड-19 की हिस्ट्री नहीं थी। उनके शरीर में कोविड-19 एंटीबॉडी जरूर मिली है। यानी हो सकता है कि कोरोना एसिम्प्टोमेटिक रहा हो और रिकवरी के बाद उसने TB को ट्रिगर किया हो।

क्या कोविड-19 के गंभीर लक्षणों का इलाज TB का कारण बन रहा है?

हां, कुछ हद तक। डॉ. दवे के मुताबिक कोरोना के इलाज में स्टेरॉयड्स का इस्तेमाल, कमजोर इम्यूनिटी और फेफड़ों में बढ़ा इन्फेक्शन TB का कारण हो सकता है। एक फैक्टर यह भी है डायबिटीज या ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं का सामना कर रहे मरीजों को कोविड और TB होने का खतरा बना रहता है। एक बड़ी वजह होती है इनकी कमजोर इम्यूनिटी। ऐसे में कोविड-19 के बाद TB इन्फेक्शन बढ़ने में कोमॉर्बिडिटी भी एक कारण हो सकता है।डॉ. कानेरिया का कहना है कि कोविड-19 और TB में मजबूत लिंक यह है कि दोनों रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन हैं। इसके अलावा TB आम तौर पर सेल्स के लेवल पर इम्यूनिटी के कमजोर होने से होता है, और ऐसा कोविड में होता है।

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