पाकिस्तान में चीन का विरोध

ग्वादर के मछुआरे बोले- समुद्र से अंधाधुंध मछली पकड़ रहे चीनी जहाज, इमरान सरकार भी उन्हीं की हिमायती

ग्वादर में लोग अपने इलाके के अलावा पासनी में गलत तरीके से मछली पकड़ रहे चीनियों का विरोध कर रहे हैं।

पाकिस्तान के ग्वादर में रविवार को सैकड़ों मछुआरों ने चीनी जहाजों के अवैध रूप से मछली पकड़ने के खिलाफ प्रदर्शन किया। पेरिस के बलूच वॉइस एसोसिएशन NGO के अध्यक्ष मुनीर मेंगल ने सोशल मीडिया पर बताया कि ग्वादर में लोग इस इलाके के अलावा पासनी में गलत तरीके से मछली पकड़ रहे चीनियों के खिलाफ विरोध कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि फिशरीज मिनिस्टर और सरकार के अधिकारी भी स्थानीय मछुआरों के रुख का समर्थन करने के बजाय चीनियों के पक्ष में बयान देते रहते हैं।

यह पहली बार नहीं है जब यहां के लोगों ने चीनी जहाजों का विरोध किया है। इससे पहले जुलाई में सैकड़ों मछुआरों, पॉलिटिकल एक्टिविस्ट और सिविल सोसायटी के सदस्यों ने स्थानीय मछुआरों को बचाने के लिए चीनी जहाजों के मछली पकड़ने के लाइसेंस रद्द करने के लिए प्रदर्शन किया था। इमरान खान सरकार ने लाइसेंस जारी कर चीनियों को मछली पकड़ने का अधिकार दिया है। इस कदम के खिलाफ नेशनल पार्टी और बलूच छात्र संगठन भी आवाज उठाते रहे हैं।

ग्वादर बंदरगाह बन सके, इसलिए मछुआरों ने छोड़ी थी अपनी जगह
प्रदर्शन में शामिल लोगों ने कहा कि ग्वादर के मछुआरों ने यहां बंदरगाह बन सके, इसलिए मछली पकड़ने की अपनी जगह छोड़ दी थी। उन्हें उम्मीद थी कि बंदरगाह तैयार होने के बाद उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, लेकिन सरकार ने चीनी जहाजों को मछली पकड़ने के लाइसेंस जारी कर दिए। इससे उनकी कमाई पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है। ग्वादर बंदरगाह पर मछली पकड़ने वाले सैकड़ों चीनी जहाज जमा हैं। इनमें मछलियों को सुरक्षित रखने के लिए फूड प्रोसेसिंग यूनिट भी होती हैं।

ग्वादर बंदरगाह पर चीनी नेवी के जहाजों के अलावा मछली पकड़ने वाले सैकड़ों जहाज जमा हैं। -फाइल फोटो

पिछले कुछ साल में बलूचिस्तान में बढ़ा चीनी दखल
2015 में चीन ने पाकिस्तान में 46 बिलियन अमेरिकी डॉलर के चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) प्रोजेक्ट का ऐलान किया था। इस कॉरिडोर में बलूचिस्तान की बड़ी हिस्सेदारी है। यह बलूचिस्तान के दक्षिणी ग्वादर बंदरगाह को चीन के पश्चिमी शिनजियांग इलाके से जोड़ेगा। इस कॉरिडोर में चीन और मिडिल ईस्ट के बीच कनेक्टिविटी में सुधार के लिए सड़क, रेल और तेल पाइपलाइन लिंक बनाने की योजना भी शामिल है।

बलूचिस्तान के लोग प्रांत में चीन की बढ़ती भागीदारी का विरोध कर रहे हैं। CPEC से बलूचिस्तान के लोगों को कोई फायदा नहीं हुआ, जबकि दूसरे प्रांतों के लोग इस मेगा प्रोजेक्ट का फायदा उठा रहे हैं। इसने यहां बड़े पैमाने पर विरोध को जन्म दिया है। यहां के लोग चीनियों को कब्जा करने वाले के तौर पर देखते हैं, जो इलाके से सारी कीमती चीजें निचोड़ रहे हैं। वे समुद्र से अंधाधुंध तरीके से मछली पकड़ते हैं और स्थानीय मछुआरों को ऐसा करने से रोक रहे हैं।

पाकिस्तानी सेना और चीनियों पर लगातार हमले
बलूचिस्तान में पाकिस्तान सेना और चीनी स्टाफ पर हमले की घटनाएं बढ़ रही हैं। यहां के गिचिक इलाके में रविवार को हुए IED ब्लास्ट में पाकिस्तानी सेना के कैप्टन की मौत हो गई। पाकिस्तान आर्मी की मीडिया विंग इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) ने बताया कि सेना का वाहन आतंकियों की बिछाई IED की चपेट में आ गया।

इसी हफ्ते की शुरुआत में ग्वादर में एक आत्मघाती हमलावर ने चीनी इंजीनियरों को ले जा रहे एक वाहन को निशाना बनाकर खुद को उड़ा लिया था। इसमें दो बच्चों की मौत हो गई थी और एक चीनी सहित चार लोग घायल हो गए थे। हाल ही में, इस क्षेत्र में पाकिस्तानी सेना और बलूच विद्रोहियों के बीच लड़ाई तेज हो गई है।

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