माफी या शिकंजे में लाने की चाल?
तालिबान ने कहा- अफगानिस्तान लौट सकते हैं अशरफ गनी, सालेह से भी दुश्मनी नहीं
तालिबान ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी और उपराष्ट्रपति रहे अमरुल्लाह सालेह के प्रति नरमी का रुख दिखाया है। तालिबान ने कहा है कि अगर यह दोनों नेता अफगानिस्तान वापस लौटना चाहें तो लौट सकते हैं। तालिबान नेता खलील उर रहमान हक्कानी ने जियो न्यूज के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में यह कहा है। तालिबान नेता ने कहा कि अशरफ गनी, अमरुल्लाह सालेह और पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हमदुल्लाह मोहिब से कोई दुश्मनी नहीं है।
देश छोड़कर न भागें लोग
खलील उर रहमान हक्कानी ने कहा कि तालिबान ने अशरफ गनी, अमरुल्लाह सालेह और हमदुल्लाह मोहिब को माफ कर दिया है। हक्कानी ने कहा कि हमने अपनी तरफ से सभी को माफ कर दिया है। चाहे वह हमारे खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले योद्धा रहे हों या फिर आम आदमी। साथ ही हक्कानी ने देश छोड़कर भाग रहे लोगों से ऐसा न करने की गुहार लगाई है। उसने कहा कि दुश्मन ऐसी अफवाह फैला रहे हैं कि तालिबान लोगों से बदला लेगा। हक्कानी ने कहा कि ताजिक्स, बलोच, हजारा और पश्तून सभी हमारे भाई हैं। उसने कहा कि दुश्मनी की एकमात्र वजह सिस्टम में बदलाव की महत्वाकांक्षा थी। अब जबकि बदलाव हो चुका है तो दुश्मनी भी खत्म हो चुकी है।
हम हथियार उठाने पर हुए थे मजबूर
खलील उर रहमान हक्कानी ने कहा कि तालिबान अमेरिका के खिलाफ युद्ध करने नहीं गए थे। लेकिन जब अमेरिका ने हमारी धरती पर कब्जा कर लिया। हमारी संस्कृति, धर्म और देश के खिलाफ काम करने लगे तो हम हथियार उठाने पर मजबूर हो गए। उसने कहा कि अमेरिका हमारी ही धरती पर हमारे खिलाफ हथियार चला रहा था। उसने कहा कि तालिबान ने दुश्मन के खिलाफ एक बड़ी जीत हासिल की है। अफगान सेना के पास 350,000 जवानों के अलावा अमेरिकी और नाटो सेना का समर्थन भी था। इसके बावजूद तालिबान का जीत हासिल करना बड़ी बात है।
पढ़े-लिखे लोग होंगे सरकार में शामिल
हक्कानी ने कहा कि तालिबान चाहता है कि सभी मुस्लिम देश आपस में एकजुट हो जाएं। उसने कहा कि तालिबान दुनिया के सभी देशों को सलाह देता है कि वह अपने नागरिकों को उनके अधिकार दें। साथ ही कहा कि क्षमतावान और पढ़े-लिखे लोग अफगानिस्तान की सरकार में शामिल होंगे। हक्कानी ने यह भी कहा कि नई सरकार में वह लोग शामिल होंगे, जो लोगों को एकजुट करने में सक्षम होंगे। इस नई सरकार में अफगानिस्तान के सभी ग्रुप के लोगों को प्रतिनिधित्व मिलेगा। साथ ही सभी विचारधारा के लोगों का यहां पर स्वागत रहेगा।