पहले बढ़ाई स्वास्थ्य मंत्रालय की रफ्तार, तीसरी लहर के लिए भी हैं तैयार- मनसुख मंडाविया
नई दिल्ली. कोविड-19 (Covid-19) के खिलाफ भारत को शुक्रवार को दो अच्छी खबरें मिलीं. पहली, देश को जायडस कैडिला (Zydus Cadila) की तीसरी स्वदेशी वैक्सीन मिली. दूसरा, शुक्रवार को अंत हुए इस हफ्ते में करीब 4 करोड़ टीकाकरण हुए. स्वास्थ्य मंत्री के तौर पर मनसुख मंडाविया की एंट्री के बाद निर्माण भवन का माहौल बदल गया है. उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की तरफ से एकदम स्पष्ट जानकारी दी गई. जिसमें दूसरी लहर के अनुभव से सीखना, संभावित तीसरी लहर की तैयारी करना, टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाना शामिल है.
डॉक्टर हर्ष वर्धन की जगह लेने वाले गुजरात से राज्यसभा सांसद मंडाविया की छवि सीधे-साधे, स्पष्टवादी की रही है. वे कोविड के मामले में अधिकारियों को नेतृत्व करने देते हैं. और अब इन बातों के नतीजे भी सामने आने लगे हैं. 14-20 अगस्त के बीच इस हफ्ते में करीब 3.97 करोड़ टीकाकरण हुए. 19-25 जून के बीच हुए टीकाकरण के बाद यह एक सप्ताह के अंदर दूसरा सबसे बड़ा आंकड़ा है.
विशेष तौर पर इस बात की ओर इशारा करते हुए कैसे मंत्री ने पद संभालते ही नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के साथ बैठक की और कहा कि आयुष्मान भारत योजना की रफ्तार को बढ़ाया जाना है, स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने न्यूज18 को बताया, ‘मंत्री के काम करने के तरीके से उद्यम की भावना जाहिर होती है और सभी जानते हैं कि पीएम ने उन्हें एक मकसद से भेजा है. केरल में मामले बढ़ने और उस राज्य को लेकर तीसरे लहर के खतरे को देखकर मंडाविया ने पहले केरल टीम भेजी और बाद में खुद मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से मिलकर जानकारी हासिल की. उन्होंने त्रिवेंद्रम में मेडिकल कॉलेज की भी जांच की.
प्रधानमंत्री कार्यालय के एक सूत्र ने न्यूज18 को बताया कि मंडाविया के कार्यकाल का अब तक का सबसे बड़ा लाभ 23 हजार करोड़ रुपये के इमरजेंसी कोविड रिस्पॉन्स पैकेज-2 का तेजी से निकलना है. उन्होंने राज्यों के साथ खुद इसकी निगरानी की थी. मंत्री बनने के 15 दिनों के भारत मंडाविया ने राज्यों को 22 जुलाई को योजना का 15 फीसदी केंद्रीय हिस्सा जारी किया था. इसके बाद 35 प्रतिशत और इस महीने जारी किया गया.
यह पैकेज तीसरी लहर की तैयारी और दूसरी लहर के अनुभव से सीखने में अहम है. दूसरी लहर के दौरान देश ने ऑक्सीजन और अस्पतालों में बिस्तर के लिए परेशानी का सामना किया. सूत्र ने कहा, ‘पीएम उस स्थिति का दोहराव नहीं चाहते.’ इसके अलावा मंडाविया ने ECRP-2 में हर ब्लॉक में एंबुलेंस जैसी कई चीजें शामिल की थीं.
कहा जा रहा है कि मंडाविया के हाथों स्वास्थ्य मंत्रालय की बागडोर के बाद अगर वायरस का नया म्यूटेशन सामने नहीं आता है, तो शायद तीसरी लहर नहीं आए. स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने कहा, ‘आकलन यह है कि डेल्टा और डेल्टा प्लस दोनों वेरिएंट्स को उपलब्ध वैक्सीन सेट से संभाला जा सकता है. हालांकि, एक नया म्यूटेशन हालात मुश्किल कर सकता है.’
जायडस कैडिला की दुनिया की पहली डीएनए वैक्सीन के वैक्सीन समूह में शामिल होने को बड़ा कदम माना जा रहा है. अधिकारी ने आगे कहा, ‘दुनिया को शायद इस वैक्सीन की जल्दी जरूरत पड़ेगी औ यह एक गेम-चेंजर है. यह वैक्सीन 12 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों पर भी काम करेगी. अपनी खुद की तीन स्वदेशी वैक्सीन होना यह भारत की सबसे बड़ी उपलब्धि है.’ भारत में बच्चों का टीकाकरण 2022 से शुरू हो सकता है.
रसायन और ऊर्वरक राज्य मंत्री के तौर पर कोविड की दूसरी लहर को संभालने का अनुभव उनके मौजूदा कार्यकाल में उनकी मदद करता दिख रहा है. उदाहरण के लिए कि भारत के पास अब 50 लाख रेमडेसिविर इंजेक्शन का स्टॉक है और अतिरिक्त स्टॉक का निर्यात शुरू हो गया, क्योंकि देश ने दूसरी लहर के दौरान अपनी उत्पादन क्षमताएं तैयार कर ली हैं. Tocilizumab, जिसे अब तक स्विट्जरलैंड से आयात किया जाता था, वह भी जल्द ही यहां Itolizuma के नाम से सन फार्मा की तरफ से तैयार होगी.
मंडाविया का सबसे बड़ा लक्ष्य अभी भी सभी इच्छुक वयस्कों का दिसंबर के अंत तक टीकाकरण और सितंबर से प्रति दिन एक करोड़ टीकाकरण की शुरुआत करना है. ऐसा लग रहा है कि यहां विदेशी वैक्सीन निर्माताओं पर निर्भर रहने के बजाए भारत की खुद की वैक्सीन कोविशील्ड, कोवैक्सीन, जायडस कैडिला और बायोटेक-ई की क्षमता बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं. विदेशी निर्माता इंडेम्निटी के बजाए भारत से सोवरिन गारंटी की भी मांग कर रहे हैं.
एक सूत्र ने बताया, ‘कई विदेशी सरकारी को ऐसी सोवरिन गारंटी देने के बाद भुगतना पड़ा है.’ उन्होंने कहा कि भारत को जायडस कैडिला के रूप में खुद की वैक्सीन भी प्राप्त होगी. मंडाविया की नजरें इस समय दो लक्ष्यों पर हैं. पहला, किसी भी तीसरी लहर के लिए मजबूत तैयारी और इस साल के अंत तक सभी वयस्कों का टीकाकरण है. अब तक तो यह सब ठीक चल रहा है.