सपा नेता कालीशंकर शहीदों के परिवार के साथ धरने पर बैठे, की ये मांग
गोरखपुर समाजवादी पार्टी के नेता कालीशंकर चौरी चौरा स्थित शहीद स्मारक पर शहीदों के परिवार के साथ धरने पर बैठे व एसडीएम को ज्ञापन देकर तत्काल मांगों पर अमल करने को कहा.
कालीशंकर ने कहा कि आज दुर्भाग्य है जहां एक तरफ सरकार चौरी चौरा जन विद्रोह का शताब्दी वर्ष मना रही है और वहीं दूसरी तरफ शहीदों के परिवार को अपनी उपेक्षा के विरोध में धरने पर बैठना पड़ा है.
काली शंकर ने बताया कि मरम्मत के दौरान चौरी चौरा शहीद स्मारक पर शहीदों का नाम व वल्दियत पूर्व की भांति न लिखकर दोषपूर्ण व अपूर्ण लिखा गया है. सरकारी दस्तावेजों व प्रमाणिक अभिलेखों के अनुसार शहीदों का नाम व उनकी वल्दियत न लिखकर मनमाने ढंग से अंकित कर दिया गया है. शिलालेखों में चौरी चौरा जन विद्रोह से संबंधित ऐतिहासिक तथ्यों को गलत ढंग से दर्शाया गया है. स्मारक पर सफेद संगमरमर के पत्थरों को मरम्मत के दौरान लाल पत्थरों से बदल दिया गया है जो कहीं ना कहीं स्मारक के मूल स्वरूप व वास्तविकता के साथ गंभीर छेड़छाड़ व खिलवाड़ है.
कालीशंकर और शहीद परिवार के लोगों ने उप जिला अधिकारी चौरी चौरा अनुपम मिश्र को चौरी चौरा जन विद्रोह के शहीदों के सम्मान में ज्ञापन देकर कर निम्नलिखित मांगे को तत्काल पूरा करने की मांग किया हैं:-
1-तत्काल ही एक जांच कमेटी गठित कर जांच की जाए कि शहीदों के नाम व उनकी वल्दियत के साथ किसके आदेश पर और क्यों दोषपूर्ण व अपूर्ण लिखा गया है. अतिशीघ्र ही शहीदों के नामों को व उनके वल्दियत को सही व पूर्ण रूप से लिखा जाए.
2- शहीद स्मारक पर सफेद संगमरमर के पत्थरों की जगह लाल पत्थर लगाकर मूल स्वरूप के साथ किसके आदेश पर और क्यों छेड़छड़ किया गया. जल्द से जल्द लाल पत्थर की जगह सफेद पत्थर पूर्व की भांति लगाकर मूल स्वरूप के रूप को दर्शाया जाए.
3- स्मारक के अंदर शिलालेखों पर ऐतिहासिक तथ्यों में वास्तविक घटनाक्रम को गलत ढंग से मनमाना पूर्ण लिखा गया है जांच कराकर सही किया जाए.
4- चौरी चौरा जन विद्रोह के अहम किरदार कोमल पहलवान (सहुआकोल) का कहीं भी शहीद स्मारक पर कोई उल्लेख नहीं है जबकि विभिन्न प्रमुख इतिहासकारों द्वारा विभिन्न प्रमाणित लेखो व किताबों में इनका चौरी चौरा जन विद्रोह में विशेष उल्लेख किया गया है. इनके नाम को भी अंकित किया जाए वह इनके योगदान को शिलालेखों में दर्शाया जाए.
धरने में प्रमुख रूप से शहीद लाल मोहम्मद के परिवार से मैनुद्दीन व सरफराज, शहीद अब्दुल्ला के परिवार से सौदागर व अख्तर, शहीद विक्रम अहिर के परिवार से सारदानंद यादव, शहीद रुदौली केवट के परिवार से रामबचन निषाद, दुधाई भर के परिवार से मुसाफिर राजभर, कमला राजभर, संदीप राजभर, जयप्रकाश यादव संजय गौतम मुन्ना खान कलामुद्दीन पिंटू पासवान एडवोकेट रंजीत कुमार, शहादत आदि उपस्थित थे.