पाकिस्तान के ग्वादर में सुसाइड बम ब्लास्ट, 9 चीनी इंजीनियरों की मौत
पेशावरः पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में स्थित ग्वादर शहर में हुए बम ब्लास्ट में चीन के 9 इंजीनियरों की मौत का समाचार है। घटना को लेकर शक की सुई तालिबान पर जा रही है। अभी तक किसी भी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। माना जा रहा है कि हमला बलोच फाइटर ने किया हो सकता है। पाकिस्तान में चीनी इंजीनियरों को निशाना बनाते हुए ये दूसरा बड़ा हमला किया गया है। इससे पहले चीनी इंजीनियरों पर ऊपरी कोहिस्तान जिले के दासु इलाके में हमला हुआ था। जिस में 9 चीनी श्रमिकों सहित कुल 13 लोगों की मौत हो गई थी। पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार ये सुसाइड बम अटैक है और शक है कि इसे खासतौर पर चीन द्वारा बनाए जा रहे प्रोजेक्ट को रोकने के लिए अंजाम दिया गया है।
हालांकि घटना को लेकर पाकिस्तान पुलिस ने दावा किया है बम धमाके में सिर्फ 2 बच्चोंं की मौत हुई है जबकि बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) की तरफ से जारी एक ट्वीट में दावा किया गया है कि इस सुसाइड बम अटैक में कम से कम 9 चीनी नागरिकों की मौत हुई है।इसके अलावा ट्वीट में ये भी बताया गया है कि बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी की तरफ से मजीद ब्रिगेडियर को सुसाइड अटैक के लिए भेजा गया था। फिलहाल पाकिस्तान सरकार की तरफ से अभी कोई पुष्टि नहीं की गई है।
बता दें कि अफगानिस्तान में आतंक फैलाने के लिए पाकिस्तान हमेशा से ही तालिबान का साथ देता आया है, उसका साइड इफेक्ट भी अब दिखने लगा है। इस हमले के बाद पाकिस्तान और चीन के रिश्तों में खटास आ गई थी। पाकिस्तान ने पहले दासु बस विस्फोट को तकनीकी खराबी के कारण हुआ हादसा बताया था लेकिन बाद में पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने कहा था कि वह मामले की जांच कराएंगे। लेकिन चीन ने उनकी बात पर भरोसा नहीं जताया और जांच के लिए अपनी खुद की टीम भेजी। इसके साथ ही चीन ने कड़ी चेतावनी देते हुए पाकिस्तान से कहा था कि परियोजनाओं से जुड़े कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए। लेकिन आज हुए हमले से साबित हो गया है कि पाकिस्तान ऐसा करने में नाकाम रहा है।
सिंध प्रांत में भी हुआ हमला
गुरुवार को सिंध प्रांत के बहावन नगर में शिया समुदाय के जुलूस पर भी हमला हुआ है जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई और करीब 40 लोग घायल हुए। इसके बाद मची भगदड़ का फायदा उठाकर हमलावर फरार हो गए। घटना को अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे से जोड़कर देखा जा रहा है। अफगानियों में पाकिस्तान के प्रति काफी गुस्सा है और बड़ी तादाद में लोग यहां शरणार्थी बनकर भी आ रहे हैं।
गौरतलब है कि अफगानिस्तान की सरकार हमेशा से ही पाकिस्तान पर आरोप लगाती रही है कि वह तालिबान को हथियार और लड़ाके देकर उसकी मदद करता है लेकिन पाकिस्तान इन दावों को खारिज करता रहा है। हालांकि जैसे ही अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हुआ, पाकिस्तान ने अपने बयानों से साफ कर दिया कि वो तालिबान की सरकार को मान्यता देने के लिए पूरी तरह तैयार है। पीएम इमरान खान ने तो इतना तक कहा कि अफगानिस्तान में ‘गुलामी की जंजीरें टूट गई हैं । ’