इसकी गरिमा को समझिए’; आखिर किस मसले पर मीडिया से खफा हो गए चीफ जस्टिस रमणा, दे दी नसीहत


सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस यानी प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति के संदर्भ में कॉलेजियम की बैठक के बारे में मीडिया में आईं अटकलों वाली खबरों को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। उन्होंने कहा कि न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया पवित्र है तथा मीडिया को इसकी गरिमा को समझना और पहचानना चाहिए। प्रधान न्यायाधीश ने न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की सेवानिवृत्ति के अवसर पर आयोजित एक रस्मी कार्यक्रम में कहा कि वह उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति के संबंध में मीडिया में आईं खबरों को लेकर अत्यंत व्यथित हैं। न्यायमूर्ति रमण ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सभी पक्ष इस संस्थान की गरिमा को बनाए रखेंगे।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा रमण ने कहा कि इस अवसर पर मैं मीडिया में कुछ अटकलों और खबरों पर चिंता व्यक्त करने की स्वतंत्रता लेना चाहता हूं। आप सभी जानते हैं कि हमें इस न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति करने की जरूरत है। यह प्रक्रिया चल रही है। बैठकें होंगी और फैसले लिए जाएंगे। न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया पवित्र है और इसके साथ एक गरिमा जुड़ी हुई है। मेरे मीडिया के मित्रों को इस प्रक्रिया की पवित्रता को समझना व पहचानना चाहिए।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि एक संस्थान के तौर पर शीर्ष अदालत मीडिया की स्वतंत्रता और नागरिकों के अधिकारों का बेहद सम्मान करती है और प्रक्रिया के लंबित रहने के दौरान प्रस्ताव के निष्पादन से पहले ही मीडिया के एक वर्ग में, जो प्रतिबंबित हुआ, वह विपरीत असर डालने वाला है। उन्होंने कहा, ऐसे मामले भी सामने आए हैं जहां योग्य प्रतिभाओं के आगे बढ़ने का मार्ग ऐसी गैरजिम्मेदाराना खबरों और अटकलों के कारण बाधित हुआ।

प्रधान न्यायाधीश ने ऐसे गंभीर मामलों में अटकलें नहीं लगाने और संयम बरतने में अधिकतर वरिष्ठ पत्रकारों और मीडिया घरानों द्वारा दिखाई जाने वाली परिपक्वता और जिम्मेदारी की सराहना की। उन्होंने कहा, ऐसे पेशेवर पत्रकार और नैतिक मीडिया विशेष तौर पर उच्चतम न्यायालय और लोकतंत्र की असली ताकत हैं। आप हमारी व्यवस्था का हिस्सा हैं। मैं सभी पक्षकारों से इस संस्थान की अक्षुण्ता और गरिमा को बरकरार रखने की उम्मीद करता हूं।

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