तालिबान की कमाई का राज
चंद दिनों में अफगानिस्तान पर कब्जा करने वाले चरमपंथी संगठन के पास बेशुमार पैसा कहां से आता है, जानिए इसकी इनकम का सोर्स
अफगानिस्तान पर 20 साल बाद फिर तालिबान का कब्जा हो गया है। वहां लोगों को जान-माल की चिंता है। ऐसे में पलायन करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। काबुल एयरपोर्ट का नजारा किसी बस स्टेशन जैसा नजर आ रहा है।
अफगानिस्तान में बरसों तक काबिज रही अमेरिकी सेना के हटते ही तालिबान महज 20 दिन में पूरे देश पर काबिज हो गया। यहां जानना जरूरी है कि दुनिया के सबसे मजबूत देश अमेरिका को मात देने वाले तालिबान की आमदनी का स्रोत क्या है?
तालिबान की कमाई का सबसे बड़ा सोर्स है अफीम
अफगानिस्तान में अफीम की खेती बड़े पैमाने पर होती है। यहां दुनिया की 80% अफीम का उत्पादन होता है और यह खेती पूरी तरह तालिबान के कब्जे में है। अफीम की बिक्री और तस्करी से तालिबान के पास बेशुमार रकम आती है।
यूनाइटेड नेशंस ऑफिस ऑन ड्रग्स एंड क्राइम (UNODC) के मुताबिक अफगानिस्तान में पिछले 4 साल में अफीम का प्रोडक्शन अपने हाईएस्ट लेवल पर पहुंच गया। मई 2021 में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल कोरोना महामारी के बावजूद यहां अफीम का प्रोडक्शन 37% बढ़ा।
2017 में अफगानिस्तान में 9,900 टन अफीम का उत्पादन हुआ
UNODC के मुताबिक 2017 में अफगानिस्तान में अफीम का उत्पादन 9,900 टन रहा। इसकी बिक्री से किसानों ने करीब 10 हजार करोड़ रुपए की कमाई की। यह देश की GDP का 7% हिस्सा था। रिपोर्ट के मुताबिक अवैध अफीम की इकोनॉमी करीब 49 हजार करोड़ रुपए की रही। इसमें लोकल खपत, दवाओं के लिए एक्सपोर्ट समेत अन्य भी शामिल हैं।
तालिबान अपनी कमाई टैक्स वसूली से भी करता है। तालिबान अफीम का कारोबार करने वालों से टैक्स वसूलता है। साथ ही इससे जुड़े कारोबारियों से भी टैक्स वसूली करता है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान ने 2018-19 के बीच ड्रग ट्रेड से लगभग 3 हजार करोड़ रुपए की कमाई की। अमेरिकी ऑफिशियल्स के मुताबिक तालिबान की 60% आय अवैध नशीले पदार्थों से होती है।
तालिबान का सालाना कारोबार लगभग 3 हजार करोड़ रुपए का
तालिबान अपने हिसाब-किताब का कोई ब्योरा प्रकाशित नहीं करता। उसकी सटीक कमाई और संपत्ति का पता लगाना मुश्किल है। 2016 में फोर्ब्स ने अनुमान लगाया था कि तालिबान का सालाना कारोबार 2,968 करोड़ रुपए है।
तेजी से अफगानिस्तान छोड़ रहे लोग
अफगानिस्तान में तेजी से बदल रहे माहौल के बीच दुनियाभर के प्रमुख देश अपने नागरिकों को यहां से निकाल रहे हैं। इसमें अमेरिका और भारत समेत अन्य देश भी शामिल हैं। भारत के विदेश मंत्रालय ने अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर +919717785379 और ईमेल [email protected] भी जारी किए हैं।