उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने बुलाए दलित और ओबीसी नेता
उत्तर प्रदेश में 2022 का विधानसभा चुनाव में इस चुनाव में सभी राजनीतिक पार्टियां अपना जाति समीकरण को सेट करने के लिए मैदान में अपने स्टार प्रचारकों को अभी से उतार दिया है, अगर उत्तर प्रदेश की राजनीति की इस वक्त की स्थिति की बात करें तो बीजेपी और सपा के बीच मुकाबला है मगर बीजेपी को डर है अपने पिछड़े वोट बैंक की
पिछड़े वोट बैंक को बचाने के लिए बीजेपी अब देश के सभी राज्यों से अपने ओबीसी नेताओं को उत्तर प्रदेश में बुलाने की रणनीति बना रही है और उन नेताओं को अलग-अलग जनपदों में लगाने की प्लानिंग बन्नी भी शुरू हो गई है
उत्तर प्रदेश में सत्ता को हासिल करने के लिए ओबीसी वोट बैंक को अपने पक्ष में लाना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है और इस वक्त बीजेपी से जा पिछड़ा वर्ग दलित वर्ग नाराज है इससे बीजेपी नेताओं की चिंता बढ़ी हुई है अब उन्हीं दलितों और पिछड़ों को मनाने के लिए बीजेपी पूरे देश के अलग-अलग राज्यों से अपने दलित और ओबीसी नेताओं को उत्तर प्रदेश में उतारने जा रही है इसी क्रम में बीजेपी ने अपने तमाम पिछड़े वर्ग के केंद्रीय मंत्रियों को उत्तर प्रदेश भेज दिया है और हाल ही में सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश में आपको बीजेपी के पिछड़े और दलित नेताओं की भरमार दिखाई देगी मगर देखने वाली बात यह है कि क्या इन पिछड़े और दलित नेताओं से बीजेपी उत्तर प्रदेश के दलित और पिछड़े वोट बैंक को हासिल कर पाती है या नहीं