राजधानी काबुल से सिर्फ 10 मिनट दूर तालिबान
राष्ट्रपति अशरफ गनी पर इस्तीफे का दबाव बना रहा अमेरिका, तालिबान बना सकता है अंतरिम सरकार
तालिबानी लड़ाके अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से अब सिर्फ 11 किलोमीटर दूर रह गए हैं। यानी महज 10 मिनट की दूरी पर। पिछले कुछ दिनों में ही इन लड़ाकों ने अफगानिस्तान के उत्तरी, पश्चिमी और दक्षिणी राज्यों पर कब्जे के बाद राजधानी काबुल की ओर तेजी से कूच किया है। पिछले तीन दिनों में ही तालिबान ने 190 किलोमीटर की दूरी को नाप लिया। अब वे काबुल के करीब हैं।
इस बीच सूत्रों ने दैनिक भास्कर को बताया कि राष्ट्रपति अशरफ गनी पर अमेरिका लगातार इस्तीफा देने का दबाव बना रहा है। राष्ट्रपति से जुड़े एक सूत्र का कहना है कि वो एक शांति योजना पर काम कर रहे हैं। ये योजना क्या है इस बारे में अधिक जानकारी नहीं दी गई है।
वहीं कुछ सूत्रों का कहना है कि अंतरिम सरकार बनाई जा सकती है, जिसमें तालिबान के नियंत्रण वाले प्रांतों को उसके नियंत्रण में रहने दिया जा सकता है। हालांकि, अफगानिस्तान में अभी कुछ भी निश्चित नहीं है।
राष्ट्रपति गनी बोले- देश में जल्द होगी शांति
इस बीच राष्ट्रपति अशरफ गनी ने तालिबानी युद्ध के बीच पहली बार देश को संबोधित किया। उन्होंने कहा, एक ऐतिहासिक मिशन के रूप में, मैं यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा हूं कि थोपा गया युद्ध अफगानिस्तान के लोगों को और ना मारे और पिछले 20 सालों की आपकी उपलब्धियों को नष्ट ना करे।
गनी ने कहा, मैं आप सबको विश्वास दिलाता हूं कि आपके राष्ट्रपति के रूप में मेरा ध्यान अस्थिरता, हिंसा और लोगों के विस्थापन को रोकने पर है। हमने देश विदेश में बड़े स्तर पर विचार विमर्श करना शुरू कर दिया है। और इसका परिणाम जल्द ही जनता के साथ साझा करेंगे।
क्या इस्तीफा देने वाले हैं राष्ट्रपति?
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उपराष्ट्रपति के प्रवक्ता मोहम्मद अमीरी ने बताया कि राष्ट्रपति गनी का विडियो मैसेज भी जल्द ही जारी कर दिया जाएगा। इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता कि राष्ट्रपति का पद छोड़ने के बाद वो क्या करेंगे। बता दें अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने टेलीविजन के माध्यम से शनिवार को लोगों को संबोधित किया है।
कंधार के प्रसिद्ध ईदगाह दरवाजे पर तालिबान का झंडा लहरा रहा है।
लोगार में अफगान सेना और तालिबान के बीच युद्ध जारी, 30 लोगों की मौत
इसी बीच लोगार प्रांत में अफगानिस्तान ने हवाई हमले किए हैं। मजार-ए-शरीफ में लड़ाई चल रही है। लोगार में तालिबान से जुड़े एक सूत्र ने बताया है कि हवाई हमले में 30 से अधिक नागरिक मारे गए हैं। उन्होंने मारे गए लोगों की तस्वीरें भी भेजी हैं, जिनमें बच्चे भी शामिल हैं।
हेरात में रॉकेट लॉन्चर के साथ तालिबान समर्थक।
पाकिस्तान से लगे पक्तिका प्रांत की राजधानी शाराना पर तालिबान का कब्जा
अफगानिस्तान में हिंसा का दौर जारी है। तालिबान ने शनिवार को पाकिस्तान से लगे पक्तिका प्रांत की राजधानी शाराना पर कब्जा कर लिया है। अफगानिस्तान के एक सांसद खालिद असद ने इसकी पुष्टि की है।
तालिबान को जमीनी स्तर पर बहुत ज्यादा विरोध का सामना नहीं करना पड़ा है।
19 प्रांतों पर तालिबान की हुकूमत पक्तिया तालिबानियों के कब्जे में जाने वाला 19वां प्रांत है। पिछले 7 दिन में तालिबान ने 18 प्रांतों पर कब्जा किया है। तालिबान प्रवक्ता के मुताबिक यहां भीषण लड़ाई के बाद कब्जा हुआ है। यहां पर भारी हथियार बरामद किए गए हैं।
तालिबान ने शुक्रवार शाम तक अफगानिस्तान के 19 प्रांतों और उनकी राजधानियों पर कब्जा कर लिया। ये प्रांत हैं- निमरोज, जव्ज्जान, सर्पिल, तखारी, कुंदुज, समनगन, फराह, बगलान, बदख्शन, गजनी, हेरात, बदघिश, कंधार, हेलमंद, घोर, ऊरुजगान, जाबूल, लाेगार और पक्तिका।
कंधार शहर में तालिबान समर्थकों ने मोर्चा संभाल लिया है। यहां से सरकारी सेना का नियंत्रण खत्म हो चुका है।
अफगानिस्तानी एयर फोर्स का एयरस्ट्राइक, 60 तालिबान लड़ाके ढेर
अफगानिस्तान एयर फोर्स के हवाई हमले में तालिबान के 60 लड़ाकों के मारे जाने की खबर है। अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, अफगान एयर फोर्स (AAF) के जवानों ने शुक्रवार को बल्ख प्रंात के दिहदादी जिले में एयरस्ट्राइक की थी। इसमें तालिबान समर्थक लड़ाकों को भारी नुकसान हुआ है। हमले में 40 मोटरबाइक और भारी मात्रा में हथियार और गोलाबारूद नष्ट हुए हैं।
संयुक्त राष्ट्र ने कहा- 10 हजार से ज्याद लोग हुए विस्थापित
इससे पहले शुक्रवार को, संयुक्त राष्ट्र ने कहा था कि लड़ाई से विस्थापित हुए अफगान काबुल और अन्य बड़े शहरों में जा रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के मुख्य प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा, ‘देश भर में हम जो संघर्ष देख रहे हैं, उसके कारण कई लोग काबुल और अन्य बड़े शहरों में आ रहे हैं और अपने परिवार के लिए सुरक्षा की तलाश कर रहे हैं।’
दुजारिक ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र और उसके मानवीय सहयोगियों ने 1 जुलाई से गुरुवार के बीच काबुल पहुंचने वाले विस्थापित 10,350 लोगों की पुष्टि की है।