अगर आप भी करते हैं एक से ज्यादा बैंक अकाउंट मेंटेन तो हो सकता है बड़ा नुकसान, तुरंत करें ये काम
नई दिल्ली. अगर आपने भी एक से ज्यादा बैंक में अपना खाता (More then 1 Bank Accounts) खुलवा रखा है तो यह खबर आपके काम की है. आज हम आपको बता रहे हैं कि एक से ज्यादा बैंक अकाउंट रखने पर आपको कौन-सी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. एक से ज्यादा बैंक अकाउंट होने पर आपके आर्थिक धोखाधड़ी (Fraud) का शिकार बनने की आशंका भी बढ़ जाती है. दरअसल, जिनते ज्यादा खाते होगें, जोखिम (Risk) भी उतना ही ज्यादा होगा. इसके साथ ही अलग-अलग अकाउंट में मिनिमम बैलेंस (Minimum Balance) बनाए रखने के चक्कर में आपका पैसा भी फंसा पड़ा रहता है.
आईटीआर फाइल करने में होती है दिक्कत
कई बैंकों में अकाउंट होने पर इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल (ITR Filing) करते समय आपको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. दरअसल, आपको अपने हर बैंक अकाउंट से जुड़ी जानकारी उसमें देनी पड़ती है. टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर आप एक बैंक अकाउंट रखते हैं तो रिटर्न फाइल करना बहुत आसान हो जाता है.
वहीं, हर अकाउंट का अलग-अलग मेंटिनेंस चार्ज देने से आपको आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ेगा. वहीं, अगर आप मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं करते हैं तो आप पर पेनाल्टी लगाई जाती है. अगर आप मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं करने पर बार-बार पेनाल्टी भरते हैं तो आपका सिबिल स्कोर (CIBIL Score) खराब होता है. आइए जानते हैं कि ज्यादा बैंक अकाउंट से आपको और क्या नुकसान हो सकता है.
अगर किसी सेविंग या करंट अकाउंट में एक साल तक कोई लेनदेन नहीं होता है तो वह निष्क्रिय हो जाता है. दो साल तक ट्रांजैक्शन नहीं होने पर वह डॉरमेंट अकाउंट (Dormant Account) में तब्दील हो जाता है. ऐसे बैंक अकाउंट के साथ धोखाधड़ी की आशंका बढ़ जाती है. बैंकर्स का कहना है कि ऐसे अकाउंट के साथ इंटर्नल और एक्सटर्नल फ्रॉड की आंशका सबसे ज्यादा होते हैं. इसलिए इनकी डिटेल अलग लेजर में रखी जाती है. जल्दी-जल्दी नौकरी बदलने पर हर संस्थान अलग सैलरी अकाउंट खुलवाता है. लिहाजा पिछली कंपनी वाला खाता लगभग निष्क्रिय हो जाता है. किसी भी सैलरी खाते में तीन महीने तक सैलरी नहीं आने पर वह अपने आप सेविंग अकाउंट में बदल जाता है.
मिलने वाले रिटर्न का भी हो सकता है नुकसान
निष्क्रिय खाते (Inactive Account) का इस्तेमाल नहीं करने पर आपको सीधे तौर पर आर्थिक नुकसान भी हो सकता है. मान लीजिए कि आपके पास चार बैंक खाते हैं, जिनमें मिनिमम बैलेंस 10,000 रुपये होने चाहिए. इस पर आपको 4 प्रतिशत की दर से सालाना ब्याज (Bank Rate) मिलता है. इस हिसाब से आपको लगभग 1600 रुपये ब्याज मिलेगा. अब, आप सभी खातों को बंद कर इसी रकम को म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) के निवेश में लगा देते हैं तो यहां आपको कम से कम 10 फीसदी का रिटर्न मिल सकता है. आइए जानते हैं कि इन समस्याओं से बचने के लिए क्या करना चाहिए.
अकाउंट क्लोजर फॉर्म भरें
>> खाता बंद करते वक्त आपको डी-लिंकिंग खाता फॉर्म भरना पड़ेगा. बैंक की शाखा में अकाउंट क्लोजर फॉर्म उपलब्ध होता है.
>> आपको इस फॉर्म में खाता बंद करने की वजह बतानी होगी. अगर ज्वाइंट अकाउंट है तो फॉर्म पर सभी खाताधारकों के हस्ताक्षर जरूरी हैं.
>> आपको एक दूसरा फॉर्म भी भरना होगा. इसमें आपको उस खाते की जानकारी देनी होगी, जिसमें आप बंद होने वाले अकाउंट के पैसे ट्रांसफर कराना चाहते हैं.
>> खाता खोलने के 14 दिन के अंदर बंद कराने पर बैंक कोई चार्ज नहीं वसूलते हैं.
>> इसके बाद एक साल पूरा होने से पहले खाता बंद कराने पर क्लोजर चार्ज देना पड़ सकता है.
>> आम तौर पर एक साल से ज्यादा पुराने खाते को बंद कराने पर क्लोजर चार्ज नहीं लगता है.