‘DIGITAL ARREST’ स्कैम में 90 साल के बुजुर्ग की ₹1 करोड़ की जमापूंजी उड़ा ली गई
DIGITAL अरेस्ट' स्कैम के शिकार होकर अपनी पूरी जीवन भर की जमा पूंजी, ₹1 करोड़ से अधिक खो दी। यह बुजुर्ग व्यक्ति, जो एक स्टॉक मार्केट ट्रेडर थे
गुजरात के सूरत में एक 90 साल के बुजुर्ग व्यक्ति ने ‘DIGITAL अरेस्ट’ स्कैम के शिकार होकर अपनी पूरी जीवन भर की जमा पूंजी, ₹1 करोड़ से अधिक खो दी। यह बुजुर्ग व्यक्ति, जो एक स्टॉक मार्केट ट्रेडर थे, को ठगों ने सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) के अधिकारी के रूप में पेश आकर धोखा दिया। ठगों ने उन्हें यह बताते हुए फंसाया कि उनका नाम एक ड्रग तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट में शामिल है।
ठगों की चाल
ठगों ने बुजुर्ग को फोन करके कहा कि वह सीबीआई अधिकारी हैं और उन्होंने आरोप लगाया कि बुजुर्ग व्यक्ति ड्रग्स के व्यापार और मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल है। इसके बाद उन्होंने यह आरोप साबित करने के लिए बुजुर्ग को गिरफ्तार करने की धमकी दी। बुजुर्ग व्यक्ति से कहा गया कि यदि वह मामले को सुलझाना चाहते हैं, तो उन्हें तुरंत एक बड़ी रकम का भुगतान करना होगा। ठगों ने उन्हें यह विश्वास दिलाया कि यदि वह भुगतान करते हैं, तो उन्हें किसी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से बचा लिया जाएगा।
बुजुर्ग का विश्वास और धोखा
बुजुर्ग व्यक्ति ने ठगों की बातों पर विश्वास कर लिया और उनका डर इतना बढ़ गया कि उन्होंने अपने जीवनभर की बचत, ₹1 करोड़ से अधिक, ठगों के कहे अनुसार ट्रांसफर कर दी। ठगों ने उसे DIGITAL तरीके से पैसे ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया, जिससे वे अपना काम और अधिक प्रभावी तरीके से कर पाए।
परिवार और पुलिस की भूमिका
जैसे ही परिवार को इस धोखाधड़ी का पता चला, उन्होंने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की, लेकिन ठगों का कोई सुराग नहीं मिला। पुलिस ने बताया कि इस तरह के स्कैम में DIGITAL माध्यमों का प्रयोग किया जाता है, जिससे पीड़ित को नुकसान उठाना पड़ता है। पुलिस ने बुजुर्ग व्यक्ति को सलाह दी कि वे किसी भी प्रकार की फोन कॉल या डिजिटल मांगों से बचें और हमेशा ऐसे मामलों में सतर्क रहें।
पुलिस और साइबर सुरक्षा के उपाय
पुलिस ने बताया कि इस प्रकार के DIGITAL अरेस्ट स्कैम तेजी से फैल रहे हैं और यह वृद्ध लोगों को अधिक शिकार बना रहे हैं, क्योंकि वे नए तकनीकी उपायों के बारे में कम जानते हैं। पुलिस ने यह भी सलाह दी है कि ऐसे मामलों में किसी भी संलिप्तता से पहले, परिवार और विश्वासपात्र लोगों से सलाह ली जाए।
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यह घटना DIGITAL धोखाधड़ी के खतरों को उजागर करती है, विशेष रूप से बुजुर्गों के लिए जो साइबर सुरक्षा के बारे में कम जानते हैं। ठगों द्वारा बुजुर्गों को डराकर उनके विश्वास का फायदा उठाना एक गंभीर अपराध है, और समाज को इससे निपटने के लिए जागरूक किया जाना चाहिए। पुलिस और साइबर सुरक्षा एजेंसियों का यह कर्तव्य है कि वे इस प्रकार के स्कैम्स पर कड़ी निगरानी रखें और लोगों को सतर्क करें।