सगे चाचा ने की थी 9 वर्षीय मासूम की हत्या

अपराधी कितना भी शातिर क्यों न हो लेकिन वह कानून के लंबे हाथों से बच नहीं सकता एक न एक दिन पुलिस की चंगुल में आ ही जाता है। जिसका बड़ा उदाहरण आज अमेठी पुलिस ने एक सनसनीखेज हत्या के खुलासे में किया। जिसमें जिले की मुंशीगंज पुलिस के द्वारा 9 वर्षीय मासूम बालक की हत्या करने वाले उसके सगे चाचा सहित दो लोगों को आला कत्ल के साथ गिरफ्तार कर लिया। अधिकतर हत्याएं जर, जोरू और जमीन के लिए ही होती हैं । यह भी उसी में से एक है। बंटवारे के विवाद को लेकर रिश्तो को शर्मसार करते हुए सगे चाचा ने अपने साले के साथ मिलकर अपने सगे भतीजे का गला रेत कर हत्या कर दी गई थी।  जी हां आपको बता दें की दिनांक 5 मार्च 2021 की रात्रि लगभग 11:00 बजे मुंशीगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत गांव देवीचरण का पुरवा मजरे दुलापुर में रहने वाली श्रीमती मालती पत्नी रामविलोन अपने पुत्र और पुत्री के साथ अलग-अलग चारपाई पर लेटे हुए थे तभी तभी कुछ लोगों के द्वारा मौके पर पहुंचकर उसके 9 वर्षीय पुत्र धीरज को सोते समय गला रेत कर हत्या कर दी गई थी। इसमें जब धीरज की मां मालती बचाने दौड़ी थी तभी उस पर भी बांके तथा ईट से उसके सिर पर प्रहार कर घायल कर दिया गया था जिसका इलाज जिला अस्पताल में किया गया। उसके बाद 6 मार्च 2021 को मालती देवी की ओर से थाना मुंशीगंज में तहरीर देते हुए अपने चचिया ससुर को नामजद अभियुक्त बनाया गया था । जिस पर थाना मुंशीगंज में मुकदमा अपराध संख्या 35/21 धारा 302, 323, 506 पंजीकृत करते हुए जांच पड़ताल शुरू की गई । जांच में प्रथम दृष्टया यह पता चला कि नामजद अभियुक्त इस जघन्य हत्याकांड में शामिल नहीं था । जिसकी विस्तार से तफ्तीश करते हुए पुलिस ने साक्ष्य संकलन तथा मुखबिर की सूचना के आधार पर असली मुजरिम तक पहुंचते हुए 02 अभियुक्तों को 01 अदद चाकू और 01 अदद बांका आला कत्ल के साथ किटियांवां मोड़ ठोढी का पुरवा से गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में आज पुलिस कार्यालय गौरीगंज में जिले के पुलिस अधीक्षक दिनेश सिंह ने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए बताया कि 9 वर्षीय बालक की जगन हत्याकांड में नामजद f.i.r. पंजीकृत किया गया था। लेकिन विवेचना के दौरान नामजदगी गलत पाई गई । एफ आई आर में पीड़िता द्वारा चचिया ससुर को नामजद किया गया था । जबकि पुलिस के द्वारा स्तब्ध कर देने वाला मामला प्रकाश में आया। जिसमें 9 वर्षीय बालक धीरज के सगे चाचा ने ही बंटवारे के विवाद को लेकर उसकी हत्या की थी । उसके चाचा अंबाला में रहकर काम करते थे । वह पूरी रात यात्रा कर मुसाफिरखाना पहुंचे थे ।जहां पर उन्होंने चाकू और बांका खरीदा था । उसके बाद उसको धार दिलाने के लिए जगदीशपुर लेकर गए थे । धार दिलाने वाले ने उस पर उसका नाम अंकित कर दिया था। जिससे वह समय से वापस कर पाए । वही मौके पर छूट गया था यही पहला सुराग मिला । रात में वह घर पर पहुंचता है और गले पर हमला कर 9 वर्षीय बालक की हत्या कर देता है। उसके बाद वहां से वापस चला जाता है फिर वह क्रिया कर्म में भाग लेने के लिए वापस लौटता है। ताकि किसी को संदेह ना हो लेकिन तब तक पुलिस साक्ष्य संकलन करके उसके खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य इकट्ठा कर लिए थे । जिसमें यह पता चल चुका था कि हत्या इसी के द्वारा की गई है । तभी मुखबिर की सूचना पर इसकी गिरफ्तारी की गई और उसने अपना अपराध स्वीकार किया । यह जघन्य हत्याकांड है जिसका खुलासा हमें कहीं ना कहीं यह सोचने के लिए बाध्य करता है कि जो पारिवारिक की स्टेप द्वेष के कारण संबंधों की जो उस्मा है उसका ह्रास हो रहा है। इस खड़यंत्र में इसका साला भी शामिल था दोनों की गिरफ्तारी कर ली गई है इसका अनावरण करने वाली टीम को मेरे द्वारा ₹5000 का नगद इनाम दिया जाएगा।

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