मध्यप्रदेश में लॉक डाउन तोड़ने पर 71 साल के बुजुर्ग को मिली उठक बैठक की सजा, वीडियो हुई वायरल
पूरे भारत में कोरोनावायरस तबाही मचा रहा है। हर दिन कोरोनावायरस के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। वही देश में अब तक 70 हजार से ज्यादा कोरोनावायरस संक्रमित मामले दर्ज किए जा चुके हैं। ऐसे में इस घातक वायरस को रोकने के लिए भारत सरकार ने लॉक डाउन किया हुआ है। बावजूद इसके भारत में कोरोनावायरस तेजी से बढ़ रहा है। वही लॉक डाउन के बीच मध्य प्रदेश से एक ऐसी वीडियो सामने आ रही है जिसे देखने के बाद हर किसी को बहुत गुस्सा आ रहा है। इस वीडियो में लॉक डाउन तोड़ने पर 71 साल के बुजुर्ग से एक फॉरेस्ट डिप्टी रेंजर ने उठक बैठक लगवा दी।
बता दें कि पूरा मामला मध्यप्रदेश के बैतूल से है जहां फॉरेस्ट डिप्टी रेंजर ने सजा के तौर पर 71 साल के बुजुर्ग से उठक बैठक लगवाई है। बुजुर्ग का कसूर इतना था किसने लॉक डाउन का पालन नहीं किया था। बुजुर्ग ने अपनी सब्जी की दुकान देर शाम तक लगाकर रखें जो कि मना था। सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं कि जो 71 साल का बुजुर्ग ठीक से चल भी नहीं सकता उनसे उठक बैठक लगवाना कहां का न्याय है?
बता दें कि 71 साल के बुजुर्ग ने अपनी रोजी रोटी के लिए सब्जी की दुकान लगाई थी। रविवार को एक साप्ताहिक बाजार लगता है उसमें बुजुर्ग ने देर शाम तक दुकान लगा कर रखी। जिसे देखकर फॉरेस्ट डिप्टी रेंजर को गुस्सा आ गया और सजा के तौर पर बुजुर्ग से उठक बैठक लगवा दी। बता दें कि लॉक डाउन में सब्जी की दुकान लगाने का नियम सुबह 7:00 बजे से 11:00 बजे तक है लेकिन इस बुजुर्ग ने शाम 5:00 बजे तक दुकान लगा कर रखी।
बुजुर्ग को सजा देने वाले डिप्टी रेंजर श्रीराम पिंपलकर ने अपनी सफाई में कहा कि बार-बार समझाने के बावजूद वह बुजुर्ग नहीं माना इसलिए उसे ऐसा करना पड़ा। वही कतर साल के बुजुर्गों का कहना है कि इस बात की जानकारी उन्हें नहीं थी कि सब्जी की दुकान सुबह लगानी है या शाम को। वहीं इस मामले पर ए एस पी बैतूल ने इसे गलत बताया और मामले की जांच करने को कहा।