भोपाल के अस्पताल में 7 बच्चे जिंदा जले!:कमला नेहरू हॉस्पिटल में रातभर से बिलख रहे परिजन
आग बुझाने वाले हाईड्रेंट और फायर एक्सटिंग्विशर खराब निकले
भोपाल के हमीदिया कैम्पस में बने कमला नेहरू गैस राहत हॉस्पिटल में आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट बताई जा रही है। इसके बाद ब्लास्ट हो गया। बेसमेंट और ग्राउंड फ्लोर मिलाकर आठ मंजिल के कमला नेहरू अस्पताल में आग से बचाव के कोई इंतजाम नहीं थे। फायरकर्मियों ने अस्पताल में लगे ऑटोमेटिक हाईड्रेंट को देखा तो वो खराब पड़ा था। हर फ्लोर पर फायर एक्सटिंग्विशर तो थे लेकिन काम नहीं कर रहे थे। इधर, मंगलवार सुबह भी परिजन हंगामा कर रहे हैं। उनका कहना है कि बच्चों का पता नहीं चल रहा है।
फायर ऑफिसर रामेश्वर नील के अनुसार, हमीदिया अस्पताल ने फायर NOC ली थी, लेकिन कमला नेहरू अस्पताल ने 15 साल से NOC लेना भी जरूरी नहीं समझा और बिल्डिंग के निर्माण के समय लगे सिस्टम को चालू भी नहीं किया।
प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल हमीदिया के कैम्पस में बने कमला नेहरू गैस राहत हॉस्पिटल में सोमवार रात 9 बजे आग लग गई थी। आग अस्पताल की तीसरी मंजिल पर बच्चा वार्ड के SNCU में लगी। यहां 40 बच्चे भर्ती थे। बिजली लाइन में शॉर्ट सर्किट हादसा हुआ और पीडियाट्रिक वेंटिलेटर ने आग पकड़ ली। फिर ये आग उस वॉर्मर तक पहुंच गई, जिसमें बच्चों को रखा गया था।
अग्निकांड में 7 बच्चे जिंदा जल गए हैं, हालांकि अभी भी चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग 4 बच्चों की मौत का ही दावा कर रहे हैं। नवजातों को बचाते समय 3 नर्स और एक वार्ड बॉय भी बेहोश हो गए थे। जिस वक्त आग लगी, तब इस थर्ड फ्लोर पर 127 बच्चे अलग-अलग वार्डों में भर्ती थे। हादसे के बाद 6 बच्चों को जेपी अस्पताल शिफ्ट करवाया है। रात साढ़े 12 बजे फायर ब्रिगेड और पुलिस की टीम ने आग पर काबू पाया।
बिल्डिंग शिफ्टिंग से पहले हादसा
बताया जा रहा है कि जिस चिल्ड्रन वार्ड में आग लगी है, उसे नई बिल्डिंग में शिफ्ट किया जाना था। अफरा-तफरी के बीच नवजात बच्चों को संभालना डॉक्टरों के लिए बड़ी चुनौती थी, लेकिन चिंतित परिजनों को समझाना भी मुश्किल काम था। पुलिस जवान और फायरकर्मी बेकाबू परिजनों को संभालने में लगे थे। यहां परिजन जिस वार्ड में बच्चों को रखा था, उसमें घुसने के लिए दरवाजे तोड़ने पर आमादा थे।
घुटनों के बल अंदर गए फायरकर्मी
फायरकर्मी अदनान ने कहा कि सीढ़ियों से लेकर गलियारे तक में परिजन दौड़ रहे थे। चारों ओर धुआं था। घुटनों के बल चलते हुए वार्ड के अंदर पहुंचे। 3 बच्चों और एक बेसुध नर्स को बाहर निकालकर लाए। वार्डों में लपटें कम, धुआं ज्यादा था। सभी खिड़कियों के कांच तोड़े, ताकि धुआं बाहर निकले।
आग लगने के बाद लपटें कम, धुआं ज्यादा था।
मुख्यमंत्री ने ACS को सौंपी जांच
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना पर दुख जताया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा- भोपाल के कमला नेहरू अस्पताल के चाइल्ड वार्ड में आग की घटना दुखद है। घटना की जांच के निर्देश दिए गए हैं। ये जांच एडिशनल चीफ सेक्रेटरी लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मोहम्मद सुलेमान करेंगे। घटना पर मेरी लगातार नजर है।
आग लगने के बाद मरीजों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया गया।
CPA के पास है मरम्मत का जिम्मा
जिस बिल्डिंग में आग लगी, उसके बिजली के मेंटनेंस का काम CPA के पास है। इस संस्था को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान नाराज होकर बंद करने का आदेश दे चुके हैं।
बच्चों के परिजन को अस्पताल के अंदर नहीं जाने दिया गया था।
7 अक्टूबर को भी लगी थी आग
हमीदिया अस्पताल कैम्पस में 7 अक्टूबर को भी नई बिल्डिंग में दूसरे तल पर ठेकेदार के स्टोर रूम में आग लग गई थी। फायर ब्रिगेड की 5 गाड़ियों ने एक घंटे में इस पर काबू पाया था। तब ज्यादा नुकसान नहीं हुआ था।
आग की खबर पता चलने के बाद मंत्री विश्वास सारंग भी हॉस्पिटल पहुंचे।
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