कोविशील्ड वैक्सीन की सिंगल डोज ‘डेल्टा’ के खिलाफ 61% प्रभावी, भारत भी…
नई दिल्ली. कोरोना (Corona) के तेजी से बदलते वेरिएंट को देखते हुए कोविड-19 वैक्सीन (Vaccine) की दो डोज के बीच के अंतर को लेकर बहस तेज हो गई है. दरअसल दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) को देखते हुए ब्रिटेन ने कोविशील्ड (Covishield) की दो खुराक के बीच के अंतर को एक बार फिर कम कर दिया है और भारत से भी इस अंतर को कम करने को कहा है. हालांकि अभी तक भारत सरकार की ओर से कोविशील्ड की दोनों डोज के बीच के गैप को कम करने को लेकर कोई आदेश जारी नहीं किया गया है. केंद्र सरकार के कोविड वर्किंग ग्रुप के चेयरपर्सन डॉ एन के अरोड़ा ने इस पूरे मामले पर अपनी बात रखते हुए कहा है कि वैक्सीन की दोनों डोज के बीच के अतंराल को भारत में हुए ट्रायल को देखने हुए ही बढ़ाया गया है. उन्होंने कहा कि कोविशील्ड की पहली डोज डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ 61 फीसदी प्रभावी है.
राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी परामर्श समूह (NTAGI) के अध्यक्ष एनके अरोड़ा ने बताया कि जिस समय कोरोना वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत हुई थी, उस समय दो डोज के बीच के अंतराल को केवल 4 हफ्तों का रखा गया था, जिसे ट्रायल में आए नतीजों के बाद तय किया गया था. उस समय जब ट्रायल किया गया तो वैक्सीन लेने वालों में अच्छी इम्युनिटी बनती दिखाई दे रही थी. कोविशील्ड की पहली डोज के ट्रायल में पाया गया कि वैक्सीन की पहली डोज से ही मरीज में काफी ज्यादा इम्युनिटी बन जाती है. लोगों पर हुए ट्रायल के बाद ही इसे 12 से 16 हफ्ते कर दिया गया था.
डॉ. अरोड़ा ने कहा, हमने देखा कि UK जैसे कुछ देशों में टीकाकरण शुरू करते समय वैक्सीन की दो डोज के बीच 12 हफ्तों का अंतर रखा गया था. हमें इसकी जानकारी थी, लेकिन हमने 4 हफ्तों का ही अंतराल तय किया. बाद में हमें कई नए वैज्ञानिक प्रमाण और डेटा मिले, जिनके आधार पर हमने पाया कि वैक्सीन की दो डोज के पीछे 4 हफ्तों का गैप होने से वैक्सीन की एफिकेसी लगभग 57 प्रतिशत और 8 हफ्तों का गैप होने से लगभग 60 प्रतिशत तक हो जाती है.
बता दें कि भारत ने ब्रिटेन से मिले आंकड़ों का हवाला देते हुए 13 मई को कोविशील्ड वैक्सीन लेने वाले लोगों के लिए दूसरी खुराक के अंतर को न्यूनतम छह से 12 सप्ताह तक बढ़ा दिया. हालांकि चार दिन पहले ही ब्रिटेन ने कोरोना के डेल्टा वेरिएंट के गंभीर खतरे की जानकारी दी है. ब्रिटेन में वायरस की गंभीरता को देखते हुए 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के कोरोना वैक्सीन की दो डोज के बीच के अंतर को 12 से घटाकर 8 सप्ताह कर दिया है.