UP News: ट्रेन में पकडे गए 60 अद्भुत कछुए, लाखों में बताई जा रही कीमत.. देखें तस्वीरें
60 जीवित कछुए बरामद, वन्यजीव तस्करी की आशंका

उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित कैंट रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार को जीआरपी और आरपीएफ की संयुक्त सघन तलाशी के दौरान ट्रेन संख्या 13010 देहरादून-हावड़ा एक्सप्रेस की एक बोगी से प्रतिबंधित प्रजातियों के 60 जीवित कछुए बरामद किए गए। ये सभी कछुए दो पिट्ठू बैग और झोले में भरकर रखे गए थे। आशंका जताई जा रही है कि इन कछुओं की तस्करी की जा रही थी। पुलिस ने कछुओं को वन विभाग की टीम को सौंप दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
प्लेटफार्म पर चल रहा था चेकिंग अभियान
जीआरपी इंस्पेक्टर के अनुसार, सीओ जीआरपी कुंवर प्रताप सिंह के निर्देश पर स्टेशन परिसर और सभी प्लेटफार्म पर सुरक्षा बढ़ाते हुए तलाशी अभियान चलाया जा रहा था। इसी क्रम में प्लेटफार्म नंबर 8/9 पर दून एक्सप्रेस के आगमन के दौरान जीआरपी और आरपीएफ की टीम ने बोगियों की तलाशी ली। जांच के दौरान एक बोगी के शौचालय के पास लावारिस अवस्था में रखे बैग और झोले से प्रतिबंधित कछुए बरामद हुए।
कछुओं की प्रजाति दुर्लभ, बाजार में लाखों का मूल्य
कोतवाली निरीक्षक ने बताया कि बरामद किए गए कछुए दुर्लभ और संरक्षित प्रजातियों के हैं। वन विभाग के अनुसार इन कछुओं की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगभग 12 लाख रुपये बताई जा रही है। सभी कछुए जीवित हैं और उन्हें वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत संरक्षित किया गया है।
कोई गिरफ्तारी नहीं, अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज
हालांकि इस कार्रवाई में किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। कछुओं को ट्रेन में किसने रखा, इसकी जानकारी अब तक सामने नहीं आई है। जीआरपी ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है और सीसीटीवी फुटेज व अन्य सुरागों के जरिए आरोपियों की तलाश की जा रही है।
वन विभाग ने लिया कब्जे में, जांच जारी
जीआरपी ने बरामद सभी कछुओं को वन विभाग की टीम को सौंप दिया है। वन विभाग की टीम ने जीवित कछुओं की देखरेख शुरू कर दी है और आगे की कानूनी प्रक्रिया अपनाई जा रही है। वन्यजीव तस्करी के बढ़ते मामलों के मद्देनज़र रेलवे और पुलिस प्रशासन इसे बड़ी कार्रवाई मान रहे हैं।
कानून व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती
वाराणसी जैसे संवेदनशील और धार्मिक शहर में इस तरह की तस्करी का मामला सामने आना न केवल चिंताजनक है, बल्कि यह कानून व्यवस्था और वन्यजीव सुरक्षा दोनों के लिए गंभीर चुनौती है। जीआरपी और आरपीएफ की सतर्कता से एक बड़ा अपराध टल गया, लेकिन यह साफ है कि वन्यजीव तस्कर अब रेलवे को भी अपने अवैध कारोबार का जरिया बना रहे हैं।