असम में 57 शिकारियों ने किया सरेंडर, सबको दी गई 50 हजार की चेक
गुवाहाटी. असम (Assam) के रायमोना नेशनल पार्क के पास गांव में आयोजित कार्यक्रम में 57 शिकारियों (Poachers) ने अपने हथियारों के साथ सरेंडर कर दिया है. सरेंडर करने वाले प्रत्येक शिकारी को 50 हजार रुपये की चेक दी गई है. इस पर असम की बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल के चीफ एक्जीक्यूटिव सदस्य प्रमोद बोरो का कहना है कि इन लोगों को और अधिक मदद दी जाएगी. हम अन्य शिकारियों से भी सरेंडर करने की अपील करते हैं.
बता दें कि असम में शिकारियों का बड़ा प्रभाव है. वे जंगलों में गैंडे जैसे जानवरों का अवैध शिकार करते हैं. इससे पहले असम में बुधवार को ही गैंडों के 2,479 सींग को जला दिया गया, ताकि इस मिथक को दूर किया जा सके कि इन सींगों में चमत्कारी औषधीय गुण होते हैं. दुनिया में एक दिन में इतनी बड़ी संख्या में कभी सींगों को नहीं जलाया गया.
यह कदम लुप्तप्राय एक सींग वाले भारतीय गैंडों के अवैध शिकार को रोकने के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा के प्रयासों का हिस्सा है. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हम दुनिया को एक कड़ा संदेश देना चाहते हैं कि सिर पर सींग के साथ जिंदा गैंडा हमारे लिए अनमोल है, न की मृत जानवर, जिनके सींग या तो शिकारियों द्वारा निकाल दिए जाते हैं या जो सरकारी खजाने में रखे गए हैं.’
‘विश्व गेंडा दिवस’ के अवसर पर बोकाखाट में मुख्यमंत्री, वन एवं पर्यावरण मंत्री परिमल शुक्लाबैद्य और स्थानीय असम गण परिषद विधायक एवं कृषि मंत्री अतुल बोरा सहित कुछ मंत्रियों तथा वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में गैंडों के सींग को सार्वजनिक रूप से जलया गया. देश में इस तरह का यह पहला कदम है