2024 में 54 पत्रकारों की हत्या, एक तिहाई की मौत के लिए इजरायली सेना जिम्मेदार: रिपोर्ट
2024) को जारी वार्षिक रिपोर्ट में बताया गया कि 2024 में पूरी दुनिया में 54 पत्रकार मारे गए। इन मौतों में से एक तिहाई के लिए इजरायली सेना को जिम्मेदार ठहराया गया है।
रिपोर्टर्स विदआउट बॉर्डर्स (RSF) द्वारा गुरुवार (12 दिसंबर, 2024) को जारी वार्षिक रिपोर्ट में बताया गया कि 2024 में पूरी दुनिया में 54 पत्रकार मारे गए। इन मौतों में से एक तिहाई के लिए इजरायली सेना को जिम्मेदार ठहराया गया है।
इजरायली सेना पर आरोप
RSF की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल इजरायली सेना के हमलों के कारण 18 पत्रकारों की मौत हुई:
- 16 पत्रकार गाजा पट्टी में मारे गए।
- 2 पत्रकारों की मौत लेबनान में हुई।
RSF ने इन मौतों को “गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन” और प्रेस स्वतंत्रता पर हमला करार दिया।
वैश्विक आंकड़े और क्षेत्रीय हत्याएं
RSF ने बताया कि मारे गए 54 पत्रकारों में से अधिकांश संघर्ष क्षेत्रों में कार्य कर रहे थे। कई मामलों में, पत्रकारों को जानबूझकर निशाना बनाया गया, जबकि अन्य अपनी पेशेवर जिम्मेदारियों को निभाते समय मारे गए।
- मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका: पत्रकारों के लिए सबसे खतरनाक क्षेत्र साबित हुए।
- एशिया और अफ्रीका: संघर्ष और अस्थिरता के कारण पत्रकारों की हत्या की घटनाएं बढ़ी।
प्रेस स्वतंत्रता पर प्रभाव
RSF की रिपोर्ट ने प्रेस स्वतंत्रता की बिगड़ती स्थिति पर भी प्रकाश डाला।
- पत्रकारों को न केवल संघर्ष क्षेत्रों में बल्कि राजनीतिक दबाव, गिरफ्तारी और धमकी का सामना करना पड़ा।
- रिपोर्ट ने चेतावनी दी कि पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित किए बिना लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखना कठिन होगा।
गाजा और लेबनान में हालात
गाजा पट्टी में 16 पत्रकारों की मौत को RSF ने युद्ध अपराध के दायरे में रखा है। रिपोर्ट में कहा गया कि पत्रकारों को संघर्ष के दौरान जानबूझकर निशाना बनाया गया।
लेबनान में मारे गए पत्रकारों के मामले में भी RSF ने निष्पक्ष जांच की मांग की है।
RSF की अपील
RSF ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि:
- पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
- जिन क्षेत्रों में पत्रकार खतरे में हैं, वहां स्वतंत्र और पारदर्शी जांच हो।
- प्रेस स्वतंत्रता की रक्षा के लिए सख्त अंतरराष्ट्रीय कानून लागू किए जाएं।
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2024 में पत्रकारों पर बढ़ते हमले और उनकी हत्याएं न केवल प्रेस स्वतंत्रता बल्कि मानवाधिकारों के लिए भी गंभीर खतरा हैं। RSF की रिपोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि पत्रकारिता को सुरक्षित और स्वतंत्र रखने के लिए तत्काल वैश्विक कार्रवाई की आवश्यकता है। इजरायली सेना द्वारा कथित हत्याओं के मामले ने इस मुद्दे को और अधिक विवादास्पद बना दिया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर जिम्मेदारी बढ़ गई है।