सिर्फ 7 रुपये के निवेश पर हर महीने मिलेगा 5,000 रुपये का फायदा, बस करना होगा ये काम…

नई दिल्ली. भविष्य को सुरक्षित करने के लिए निवेश करना एक अच्छी आदत है लेकिन किसी भी जगह निवेश से पहले उसकी पूरी जानकारी लेना जरूरी है. अगर आप भी इसी तरह कहीं सुरक्षित जगह निवेश करने का प्लान बना रहे हैं तो सरकार की अटल पेंशन योजना (Atal Pension Yojana- APY) में पैसा लगा सकते हैं. बता दें कि अटल पेंशन योजना वर्ष 2015 में शुरू तो असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों के लिए की गई थी, लेकिन इस योजना में 18 से 40 वर्ष की कोई भी भारतीय नागरिक निवेश कर पेंशन का लाभ उठा सकते हैं, जिनके पास बैंक या पोस्ट ऑफिस में अकाउंट है. इस योजना में 60 साल के बाद जमाकर्ताओं को पेंशन मिलना शुरू होती है.

क्या है अटल पेंशन योजना?
अटल पेंशन स्कीम में आपके द्वारा किए गए निवेश आपकी उम्र पर निर्भर करती है. इस योजना के तहत कम से कम 1,000 रुपये, 2000 रुपये, 3000 रुपये, 4000 रुपये और अधिक से अधिक से 5,000 रुपये मासिक पेंशन मिल सकती है. इस पेंशन योजना के लिए अगर आप रजिस्ट्रेशन कराना चाहते हैं तो आपके पास सेविंग्स अकाउंट, आधार नंबर और एक मोबाइल नंबर होना चाहिए.

आप जितनी जल्दी अटल पेंशन योजना से जुड़ेंगे उतना अधिक फायदा मिलेगा. अगर कोई व्यक्ति 18 साल की उम्र में अटल पेंशन योजना से जुड़ता है तो उसे 60 साल की उम्र के बाद हर महीने 5000 रुपये मासिक पेंशन के लिए प्रति माह 210 रुपये जमा करने होंगे.

इस तरह हर महीने मिलेगी 5000 रु पेंशन
यानी इस योजना में हर रोज 7 रुपये जमा करके आप प्रति माह 5000 रुपये पेंशन पा सकते हैं. इस योजना में हर महीने 1000 रुपये की मासिक पेंशन के लिए प्रति माह केवल 42 रुरये जमा करने होंगे. वहीं 2000 रुपये पेंशन के लिए 84 रुपये, 3000 रुपये के लिए 126 रुपये और 4000 रुपये मासिक पेंशन के लिए हर महीने 168 रुपये जमा करने होंगे.

टैक्स बेनिफिट
अटल पेंशन योजना में निवेश करने वाले लोगों को इनकम टैक्स एक्ट 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स बेनिफिट मिलता है. इसमें से सब्सक्रीइबर्स के टैक्सेबल इनकम को घटा दिया जाता है. इसके अलावा स्पेशल मामलों में 50,000 रुपये तक का अतिरिक्त टैक्स बेनिफिट मिलता है. इस तरह इस योजना में 2 लाख रुपये तक का डिडक्शन मिलता है.

APY के डेथ बेनिफिट्स
इस योजना के सब्सक्राइबर की अगर मृत्यु हो जाती है तो उसकी पत्नी डिफॉल्ट रूप से नॉमिनी बन जाती है और पत्नी को योजना के सारे फायदे मिलते हैं. पत्नी को भी सब्सक्राइबर जितना ही पेंशन मिलता है. पत्नी के जीवित नहीं होने की स्थिति में सब्सक्राइबर ने जिसे नॉमिनी बनाया है, उसे इसके लिए तय कॉरपस का फायदा मिलता है. यानी नॉमिनी को एक निश्चित पेंशन मिलता है.

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