जौनपुर में ब्लॉक प्रमुख चुनाव के दौरान आए पांच मौके जब कानून को लोगों ने अपने हाथों में लिया
पांच ऐसे मौके आए जब पंचायती व्यवस्था के पक्षधरता ही कानून को हाथ में लिए खड़े नजर आए।
जौनपुर में ब्लॉक प्रमुख के चुनाव के दौरान पांच ऐसे मौके आए जब पंचायती व्यवस्था के पक्षधरता ही कानून को हाथ में लिए खड़े नजर आए। इस दौरान जहां सत्ता पक्ष के लोगों पर भी आरोप लगे वहीं विपक्षी भी कानून को अपने हाथ में लिए रहे।
जौनपुर, इंटरनेट डेस्क। जिले में ब्लॉक प्रमुख का चुनाव काफी चर्चा में रहा। मगर ब्लॉक प्रमुख के चुनाव के दौरान पांच ऐसे मौके आए जब पंचायती व्यवस्था के पक्षधरता ही कानून को हाथ में लिए खड़े नजर आए। इस दौरान जहां सत्ता पक्ष के लोगों पर भी आरोप लगे वहीं विपक्षी भी कानून को अपने हाथ में लिए रहे। पुलिस की सतर्कता से भले ही कोई बड़ा विवाद नहीं हो सका लेकिन जौनपुर में पांच मौके ऐसे आए जो कानून की नजर में कार्रवाई के दायरे में आते हैं।
पहला मामला : जिला प्रशासन के तमाम निर्देश व नकेल कसने के बावजूद चुने गए ब्लाक प्रमुखों के समर्थकों ने शनिवार को जमकर विजय जुलूस निकाला। इस काम में सत्ताधारी दल के लेकर सभी दलों व निर्दलीय आगे रहे। मुंगराबादशाहपुर में भाजपा प्रत्याशी सत्येंद्र सिंह की जीत के बाद नगर में निकले विजय जुलूस में राज्यसभा सदस्य सीमा द्विवेदी भी खुद शामिल हुईं। उन्होंने क्षेत्र की जनता के प्रति आभार जताया। इससे संबंधित फोटो और वीडियो भी जमकर इंटरनेट मीडिया में वायरल हुए।
दूसरा मामला : क्षेत्र पंचायत सुइथाकला की नवनिर्वाचित ब्लाक प्रमुख विद्या देवी के पुत्र को 24 घंटे के अंदर जान से मारने की धमकी देने का वीडियो शनिवार को इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ। वीडियो में एसडीएम शाहगंज व सीओ के सामने ही एक युवक जो कथित तौर पर विद्या देवी से मुकाबले में पराजित प्रतिद्वंद्वी धर्मेंद्र वर्मा का रिश्तेदार है। प्रमुख पुत्र को जान से मारने की धमकी देते हुए ब्लाक गेट से तेजी से बाहर निकलते दिखाई पड़ रहा है। विद्या देवी के पुत्र डाक्टर उमेश चंद्र तिवारी ने देरशाम पुलिस अधीक्षक से मिलकर जान-माल की सुरक्षा की गुहार लगाई। पुलिस आरोपित की तलाश में जुट गई है, हालांकि इस मामले में रविवार सुबह तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी थी।
तीसरा मामला : सुइथाकलां विकास खंड में शनिवार को क्षेत्र पंचायत प्रमुख पद के लिए हो रहे मतदान के बीच भाजपा व सपा कार्यकर्ताओं तथा पुलिस प्रशासन के बीच रह-रहकर झड़प होती रही। सपा समर्थित प्रत्याशी धर्मेंद्र वर्मा के पक्ष में कुछ बीडीसी सदस्यों के बिना प्रमाण पत्र के वोट डालने का भाजपाजनों ने कड़ा विरोध किया। लोग मौके पर जिलाधिकारी को बुलाने की मांग पर अड़ गए और मतदान को रोककर पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और कानून व्यवस्था काफी देर तक पंगु बनी रही।
चौथा मामला : सुइथाकला क्षेत्र पंचायत प्रमुख चुनाव में पार्टी समर्थित प्रत्याशी की हार के बाद रिकाउंटिंग की मांग को लेकर सपाजनों ने लखनऊ-बलिया राजमार्ग जाम कर दिया। उग्र भीड़ शासन-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मौके पर डीएम को बुलाने की मांग करने लगी। मौके पर पहुंचे एडीएम भू-राजस्व राजकुमार द्विवेदी से शिकायत करते हुए हारे हुए प्रत्याशी धर्मेंद्र वर्मा ने आरोप लगाया कि उसे जबरन एक वोट से हराया गया है। एडीएम ने एआरओ से सारी वस्तुस्थिति जानने के बाद समझा-बुझाकर मामला शांत कराया इसके बाद जाम समाप्त हुआ।
पांचवांं मामला : विकास खंड शाहगंज (सोंधी) में एक महिला लेखपाल के चलते विवाद हो गया। उच्चाधिकारियों ने आनन-फानन महिला मतदाता को दूसरा मतपत्र दिलाकर मामला शांत कराया। हुआ यूं कि एक महिला क्षेत्र पंचायत सदस्य मतदान करने आईं। उसने एक महिला लेखपाल से सहयोग मांगा तो वह स्वयं सरिता यादव को मत देकर पेटिका में डालने लगी। इतने में उक्त सदस्य ने कहा किसको वोट दी हैं हम देखेंगे। देखा तो उक्त महिला लेखपाल ने सदस्य के विचार के विपरीत मत दिया था। अब मतदाता जिद करने लगी कि हमें मंजू सिंह को वोट देना है। ऐसे में शोर शराबा निबटाने के लिए पर्चे को फाड़ दिया गया और दूसरे पर्चे पर मंजू सिंह को वोट देकर मतपेटिका में डाला गया। तब जाकर मामला शांत हुआ।